मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां कहा कि फिल्मों का माध्यम एक ऐसी शक्ति है जो बिना आहट के लोगों के विचारों को प्रभावित कर सकती है और देश में बड़े सामाजिक बदलाव लाने और विकास को बढ़ावा देने में योगदान कर सकती है।
मोदी लगभग 141 करोड़ रुपए की लागत से मुंबई के पेडर रोड इलाके में बनाए गए देश के पहले भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय (नेशनल म्यूजियम ऑफ इंडियन सिनेमा) का शनिवार को उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा के एक सदी पुराने इतिहास की जानकारी इस संग्रहालय में मिल सकेगी। भारतीय सिनेमा के इतिहास से जुड़ी जानकारियां देने वाले इस संग्रहालय में दृश्य (विजुअल), शिल्प, ग्राफिक्स और मल्टीमीडिया की सहायता से भारतीय सिनेमा के किस्से-कहानियों का प्रस्तुतीकरण होगा। यह संग्रहालय 19वीं सदी के ऐतिहासिक गुलशन महल और नए संग्रहालय भवन में बनाया गया है।
प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी के मार्गदर्शन में संग्रहालय का निर्माण हुआ है। यहां भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष से अधिक की यात्रा का वर्णन है।
भारतीय सिनेमा को नौ वर्गों में विभाजित कर भारतीय इतिहास की उत्पत्ति, भारत में सिनेमा का आगमन, भारतीय मूक फिल्म, ध्वनि की शुरुआत, स्टूडियो युग, द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव तथा क्षेत्रीय सिनेमा को दिखाया गया है। पांच मंजिला नए संग्रहालय भवन में चार प्रदर्शनी हॉल हैं। इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर बनी फिल्में और सिनेमा के उनके जीवन पर गहरे प्रभाव को दर्शाया गया है।
बाल फिल्म स्टूडियो भी है जिसमें आगंतुकों खासकर बच्चों को फिल्म निर्माण के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कला के बारे में जानकारी दी जाएगी। हॉल में कैमरा, शूटिंग और अभिनय से जुड़ी जानकारियां भी होंगी। यहां आने वालों को भारतीय सिनेमा में फिल्मकारों द्वारा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जानकारी मिलेगी। भारतीय सिनेमा में यहां देशभर की सिनेमा संस्कृति को दर्शाया गया है।
मोदी ने कहा कि फिल्मों को सामाजिक परिवर्तनों के साथ पहचाना जाता है। सैकडों भाषाओं तथा हजारों बाेलियों के होने के बावजूद फ़िल्में हमारे लोगों के बीच एकता बनाए रखने में मदद करती हैं जो विशाल विविधता वाली संस्कृतियों को बढ़ावा देने, पर्यटन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने में फिल्में मदद करती हैं।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्में दुनिया भर के देशों का प्रतिनिधित्व करती हैं, बाहर के लोगों को एक ‘आईना’ दिखाती हैं, हमारी फिल्में, संगीत, गीत, सितारों के साथ कई देशों में लंबे समय तक प्रभाव बनाने वाली वैश्विक स्तर पर हमारी छवि को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
उन्होंने कहा कि फिल्मों के अलावा भारतीय टेलीविजन सीरियल जैसे ‘सास भी कभी बहू थी’ और रामायण विदेशों में भी बहुत लोकप्रिय हुआ। विदेश के लोग आम भारतीयों के जीवन की झलक पाने की इच्छा रखते हैं। मोदी ने फिल्म उद्योग को मजबूत करने के लिए सरकार के पूरे समर्थन का आश्वासन दिया।
इससे पहले उन्होंने मनोज कुमार, आमिर खान, ए आर रहमान, आशा भोसले, पंडित शिवकुमार शर्मा, रणधीर कपूर, करण जौहर, मधुर भंडारकर, किरण शांताराम, बोनी कपूर, डेविड धवन, रोहित शेट्टी, वहीदा रहमान, जीतेंद्र कपूर, आशा पारेख, पंकज कपूर, राकेश मेहरा, परेश मेहरा दिव्या दत्ता और कई अन्य अभिनेताओं एवं अभिनेत्रियों की उपस्थिति में एनएमआईसी का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागरराव, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, रामदास अठावले, श्याम बेनेगल, प्रसून जोशी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।