नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिमाचल प्रदेश के मनाली को लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े वाली सामरिक और सामाजिक तथा आर्थिक महत्व की अटल सुरंग का शनिवार को उद्घाटन करेंगे।
नौ किलोमीटर से भी लंबी यह सुरंग दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुरंग है और यह सभी तरह के मौसम में खुली रहेगी जिससे अब लाहौल स्पीति घाटी बर्फबारी के कारण शेष देश से कटी नहीं रहेगी। इससे पहले यह घाटी कम से कम छह महीने तक बर्फबारी के कारण शेष देश से अलग थलग पड़ जाती थी। मोदी सुरंग के उद्घाटन के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित भी करेंगे।
हिमालय में पीर पंजाल की चोटी पर बनायी गयी 9़ 2 किलोमीटर लंबी यह सुरंग समुद्र तल से 10 हजार फुट की ऊंचाई पर है और इसके बनने से मनाली तथा लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जायेगी और यात्रा में लगने वाले समय में भी 4 से 5 घंटे की कमी आयेगी।
अटल सुरंग का दक्षिणी द्वार मनाली से 25 किलोमीटर दूर 3060 मीटर की ऊंचाई पर है जबकि उत्तरी द्वारा लाहौल घाटी में तेलिंग सिसू गांव के निकट 3071 फुट की ऊंचाई पर है। घोड़े की नाल के आकार की यह सुरंग दो लेन की है और इसकी चौड़ाई 8 मीटर तथा ऊंचाई 5़ 525 मीटर है। सुरक्षा और आग लगने जैसी आपात घटनाओं को ध्यान में रखते हुए आकस्मिक निकास के लिए इसके नीचे एक पतली सुरंग भी बनायी गयी है।
इस सुरंग से हर रोज 3000 कार और 1500 ट्रक 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ जा सकेंगे। सुरंग में अग्नि शमन, रोशनी और निगरानी के व्यापक इंतजाम किये गये हैं।
रोहतांग दर्रे के नीचे यह ऐतिहासिक सुरंग बनाने का निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में तीन जून 2000 में लिया गया था। इसकी आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गयी और इसके बाद से सीमा सड़क संगठन सभी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद इसे पूरा करने में जुटा था। सेरी नाला फाल्ट जोन में 587 मीटर क्षेत्र में सुरंग बनाने का काम सबसे चुनौतीपूर्ण था और इसे 15 अक्टूबर 2017 को पूरा किया गया।
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने 2014 में निर्माण स्थल का दौरा कर निर्माण कार्य का जायजा लिया था। गत 24 दिसम्बर को मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने श्री वाजपेयी के इसमें योगदान के लिए इस सुरंग का नाम रोहतांग सुरंग के बजाय अटल सुरंग रखने को मंजूरी दी। सुरंग का 40 प्रतिशत कार्य पिछले दो वर्षों में पूरा किया गया है और इसके निर्माण पर 3200 करोड़ रूपये की लागत आयी है। मनाली में सुरंग के दक्षिणी द्वार पर उद्घाटन समारोह में शामिल होने के बाद मोदी लाहौल स्पीति के सिसू तथा सोलांग घाटी में सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे।
इस सुरंग के दोनों द्वारों पर बैरियर लगे हैं। आपात स्थिति में बातचीत के लिए हर 150 मीटर पर टेलीफोन और हर 60 मीटर पर अग्निशमन यंत्र लगे हैं। घटनाओं का स्वत पता लगाने के लिए हर ढाई सौ मीटर पर सीसीटीवी कैमरा तथा हर एक किलोमीटर पर वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली लगी है। हर 25 मीटर पर आपात निकास के संकेत है तथा पूरी सुरंग में ब्रोडकास्टिंग सिस्टम लगाया गया है। सुरंग में हर 60 मीटर की दूरी पर कैमरे भी लगाये गये हैं।