नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता नरेन्द्र मोदी ने शनिवार रात को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट कर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया, जिसके बाद राष्ट्रपति ने उन्हें प्रधानमंत्री मनोनीत किया और सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।
मोदी ने राजग संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद राष्ट्रपति भवन जाकर कोविंद से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 75(एक) के प्रावधानों में प्रदत्त अधिकारों के तहत मोदी को प्रधानमंत्री मनोनीत किया। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने उन्हें सरकार बनाने के आमंत्रण का पत्र सौंपा और उनसे शपथ ग्रहण समारोह की तिथि और समय बताने तथा अन्य मंत्रियों की सूची सौंपने का अनुरोध किया।
इससे पहले राजग के घटक दलों के नेताओं ने मोदी को गठबंधन का नेता चुने जाने और अपने समर्थन का पत्र राष्ट्रपति को सौंपा। इससे पूर्व संसद के केंद्रीय कक्ष में राजग संसदीय दल की बैठक में मोदी को पुन: नेता चुना गया।
राजग के प्रतिनिधिमंडल में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, जनता दल यू के प्रमुख नीतीश कुमार, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, अन्नाद्रमुक नेता के. पलानीसामी, नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेता कोनार्ड संगमा तथा नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव पार्टी के नेता नेफियू रियो, भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज तथा नितिन गडकरी शामिल थे।
सूत्रों के अनुसार मोदी के 30 मई को नए मंत्रिमंडल के साथ शपथग्रहण करने की संभावना है। इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने दोपहर करीब साढ़े 12 बजे राष्ट्रपति कोविंद को सत्रहवीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची एवं तत्संबंधी अधिसूचना की प्रति सौंपी। उनके साथ चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चन्द्र भी थे। कोविंद ने अरोड़ा को देश में सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न होने पर बधाई दी।
चुनाव परिणाम आने के बाद शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिपरिषद की आखिरी बैठक में 16वीं लोकसभा भंग करने की राष्ट्रपति से सिफारिश करने का प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंपा जिसे काेविंद ने स्वीकार कर लिया था और मोदी से कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में काम करने को कहा था।