केदारनाथ। एक महीने से अधिक समय तक लोकसभा चुनावों के प्रचार में व्यस्त रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी अभियान बंद होने के बाद शनिवार सुबह उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के दर्शन किए और वहां पूजा-अर्चना की।
मोदी ने सुबह पहले केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और उसके बाद वह वहां से करीब दो किलोमीटर दूरी पर स्थित गुफा में ध्यान लगाने चले गए। मोदी दो साल में दूसरी बार भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए गए हैं।
मोदी सुबह नौ बजकर 37 मिनट पर सेना के हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचे। गढ़वाली वेशभूषा धारण किए और कमर में लाल अंगौछा बांधे, सिर पर हिमाचली टोपी पहने और हाथ में छड़ी लिए मोदी ने हेलीपैड पर बनाए गए सेफ हाउस में तीर्थ पुरोहितों से बातचीत की।
इसके बाद वह मंदिर के गर्भगृह गए। वहां उन्होंने करीब 17 मिनट तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना की। पुजारियों ने मोदी को अंग वस्त्र भेंट किया जबकि मोदी ने मंदिर में सवा क्विंटल का पीतल का बना घंटा अर्पित किया।
उन्होंने पूजा-अर्चना के बाद मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद वहां मौजूद तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया। परिक्रमा के बाद उन्हें मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने शाल ओढ़ाया और स्मृति चिह्न भी भेंट किया। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ मंदिर के समीप चल रहे पुननिर्माण कार्यों से संबंधित नक्शों का अवलोकन भी किया।
इसके बाद प्रधानमंत्री मन्दिर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित एक गुफा में ध्यान करने के लिये पैदल ही गए। यह गुफा पिछले वर्ष ही करीब साढ़े आठ लाख रुपए लागत से तैयार की गई है।
इससे पहले सुबह मोदी विशेष विमान से जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे जहां राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उनकी अगवानी की। वहां से प्रधानमंत्री त्रिवेंद्र रावत के साथ मिग 17 हेलीकाप्टर से केदारनाथ गए। मोदी केदारनाथ में ही रात्रि विश्राम करेंगे। वह रविवार सुबह बदरीनाथ धाम के दर्शन के बाद दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
गौरतलब है कि मोदी का उत्तराखंड से खास लगाव है और केदारनाथ के प्रति उनकी अगाध आस्था है। उन्होंने केदारनाथ के नजदीक ही गरुड़चट्टी में साधना की थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद वह केदारनाथ आते रहे हैं। केदारपुरी का पुनर्निर्माण उनके ड्रीम प्रोजक्ट में शामिल है।