नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी की जनता से किया कोई वादा पूरा नहीं किया है और अब इससे जुड़े सवालों की अनुगूंज को रोड शो के गाजे बाजे के शोर में दबाने का प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता रागनी नायक ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी ने काशी की जनता से किए वादों को लेकर विश्वासघात किया है। वाराणसी की जनता से 2014 में मोदी ने जो वादे किए थे पांच साल तक उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया और अब इस संबंध में पूछे जाने वाले सवालों पूछना चाहें उनकी आवाज शोर शराबे में सुनाई नहीं दे इसलिए वह रोड शो कर रहे हैं।
नायक ने कहा कि पिछले आम चुनाव के समय मोदी ने कहा था कि उन्हें ‘मां गंगा’ ने वाराणसी बुलाया है और वह गंगा की सफाई करेंगे। इस काम के वास्ते नमामि गंगे कार्यक्रम चलाया गया लेकिन इसके लिए आवंटित बजट का 80 प्रतिशत हिस्सा खर्च ही नहीं किया गया। निर्मल गंगा के लिए जो परियोजनाएं बनाई जानी थी उनमें से 70 प्रतिशत पर काम ही शुरु नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई को लेकर लोगों की भावनाओं का दोहन करने वाले श्री मोदी को वह शोध भी देख लेना चाहिए जिसमें कहा गया है कि पिछले तीन साल के दौरान गंगा और मैली हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने गंगा की सफाई के लिए 112 दिन तक भूख हड़ताल की लेकिन असंवेदनशील मोदी सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया और उन्होंने प्राण त्याग दिए।
नायक ने कहा कि 2014 में गंगा सफाई के लिए वाराणसी के 32 नालों की गंदगी को गंगा में जाने से रोकने की बात की गई थी लेकिन आज भी ये सभी नाले गंगा में गंदगी बिखेर रहे हैं। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण-एनजीटी ने भी कहा है कि पांच साल में गंगा का एक भी बूंद पानी निर्मल नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि काशी में भारतीय जनता पार्टी ने तीन सौ मकान ढहाए हैं और धरोहर को नुकसान पहुंचाया है। वहां कई ऐतिहासिक मंदिर थे लेकिन उनको तोड़ दिया गया है। काशी को स्मार्ट सिटी बनाने की बात की गई थी लेकिन इस दिशा में कोई काम ही नहीं हुआ है।
वाराणसी संसदीय क्षेत्र के चार गांवों को आदर्श गांव बनाना था लेकिन गत वर्ष जून में सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त एक सूचना में कहा गया है कि आदर्श ग्राम के तहत आवंटित राशि का एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि काशी को क्योटाे बनाने का वादा किया गया था और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस संबंध में एक दृष्टिकोण पत्र भी निकाला था। इसमें कहा गया था कि वाराणसी को कैसे क्योटाे बनाना है, इस बारे में इस दस्तवोज में एक ब्यौरा दिया गया था लेकिन वाराणसी आज भी जस की तस है।