प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी प्रयागराज में दिव्यांगों और बुजुर्गों को उपकरण बांटे और कहा कि देश की 130 करोड़ जनता के हितों की रक्षा करना उनकी सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार इसे पूरा करने का पूरा प्रयास कर रही है।
मोदी ने दिव्यांगों को उपकरण देते हुये कहा कि ये सिर्फ आपके हौसला के सहयोगी भर हैं। आपका जीवन, आपका हौसला, हिम्मत प्रेरणा का कारण है। सामाजिक अधिकारिता शिविर के तहत आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री ने 26791 दिव्यांगों और बुजुर्गों को 56 हजार से ज्यादा सहायक उपकरण देकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर उन्हें एक अलग ही पवित्रता और ऊर्जा का अहसास होता है। पिछले साल भी वो नौ फरवरी को कुंभ में यहां आये थे और लाखों की भीड़ के बावजूद साफ सफाई से प्रभावित हुये बिना नहीं रह सके थे। वो सफाई कर्मचारी जो ऐतिहासिक कुम्भ की पवित्रता बढ़ा रहे थे और जिनके परिश्रम और पुरुषार्थ के कारण पूरे विश्व में प्रयागराज के इस कुम्भ की स्वच्छता की चर्चा हुई, पूरी दुनिया में प्रयागराज की एक नई पहचान बनी। कुम्भ में एक नई परंपरा नजर आई और उसे सफल करने वाले उन सफाई कर्मचारियों के चरण धोने का और मुझे इस महान सिद्धि को पाने वाले उन सफाई कर्मचारियों को नमन करने का अवसर मिला था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का दायित्व है कि हर व्यक्ति का भला हो। यही सोच तो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का मूल आधार है। आज भी कुछ ऐसा ही सौभाग्य मुझे मां गंगा के तट पर प्राप्त हुआ है। प्रधानसेवक के तौर पर मुझे हजारों दिव्यांगजनों, वरिष्ठ जनों की सेवा करने का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा कि वरिष्ठजन, दिव्यांगजन, आदिवासी, दलित-पीड़ित, कोई भी व्यक्ति हो, सभी 130 करोड़ भारतीयों के हितों की रक्षा करना, उनकी सेवा करना, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। दिव्यांगजनों की तकलीफ को समझकर जिस तरह इस सरकार ने काम किया है, उतना पहले कभी नहीं किया गया। सरकार समाज के हर व्यक्ति के विकास के लिए, उसके जीवन को आसान बनाने के लिए काम कर रही है।
मोदी ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि पहले की सरकारों के समय, इस तरह के कैंप बहुत ही कम लगा करते थे और इस तरह के मेगा कैंप तो गिनती के होते थे। गत पांच साल में हमारी सरकार ने देश के अलग-अलग इलाकों में करीब 9,000 कैंप लगवाए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के पाँच साल में जहां दिव्यांगजनों को 380 करोड़ रुपए से भी कम के उपकरण बांटे गए, वहीं हमारी सरकार ने 900 करोड़ रुपए से ज्यादा के उपकरण बांटे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 4-5 वर्षों में देश की सैकड़ों इमारतें, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाई जा चुकी हैं। जो बची हुई हैं उन्हें भी सुगम्य भारत अभियान से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वो समय भी याद करिए जब सरकारी दफ्तरों, बस स्टैंड, अस्पताल, कोर्ट, कचहरी हर जगह जाने में दिव्यांगों को दिक्कत होती थी। कुछ जगहों पर अलग रैंप बन जाता था, बाकी जगहों पर बहुत मुश्किल होती थी।
उन्होंने कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर अलग-अलग भाषा होने पर दिव्यांगों को दिक्कतें होती थीं। पहले ये सोचा ही नहीं गया कि दिव्यांगों के लिए एक कॉमन साइन लैंग्वेज हो। हमारी सरकार ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर में इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की है जिसमें दिव्यांगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। सरकार ने इस साल पांच लाख दिव्यांगों के प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा है। इस केंद्र में दिव्यांगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधा दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों पर अगर कोई अत्याचार करता है, उन्हें परेशान करता है, तो इससे जुड़े नियमों को सख्त किया है। दिव्यांगों की नियुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के लिए आरक्षण तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया है। इसी तरह शिक्षा में भी आरक्षण तीन से बढ़ा कर पांच प्रतिशत किया गया है।