झुंझुनूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटियों को परिवार एवं देश की आन बान शान बताते हुए कहा कि लिंगानुपात को कायम रखने के लिए इन्हें बचाने के साथ ही शिक्षित करना जरूरी है, इसके साथ भावी पीढ़ी को मजबूत बनाने के लिए इनके पोषण पर ध्यान दिया जाए।
मोदी आज यहां बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान के देश व्यापी विस्तारीकरण एवं राष्ट्रीय पोषण मिशन का लोकार्पण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों एवं अज्ञानता के कारण बेटियों को जन्म से पहले ही मार दिया जाता है जो भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं के खिलाफ है।
अलवर में सात साल की बच्ची के साथ रेप, आरोपी अरेस्ट
उन्होंने लोगों से बेटी और बेटे के प्रति समानता का व्यवहार करने का आग्रह करते हुए कहा कि वर्तमान में बेटियां परिवार के बुजुर्गो के संरक्षण में महत्ती भूमिका निभा रही है वहीं हर क्षेत्र के उच्च स्तरों पर अग्रणी दक्षता हासिल कर देश का गौरव अौर मान बढ़ा रही है।
मोदी ने देश की भावी पीढ़ी काे मजबूत बनाने के लिए शुरू किये गये राष्ट्रीय पोषण मिशन की चर्चा करते हुए कहा कि इसको जन आन्दोलन का रूप दिया जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पोषण मिशन में केवल पोषण ही पर्याप्त ही नहीं है बल्कि उनमें स्वच्छता, स्वास्थ्य में सुधार के लिये आवश्यक कदम उठाने होंगे। उन्होंने राज्य सरकारों से भी आग्रह किया कि 2022 तक देश को कुपोषण से मुक्त कराने लिए उचित कार्यवाही करें।
मोदी ने कहा कि बेटियों को गर्भ में मारने से बड़ा पाप और कोई भी नहीं है और विवेकानंद वाले हमारे देश में जहां नारी को पूजा जाता है ऐसी कौन सी बुराई घर कर गई कि आज हमें अपने ही घर में बेटी बचाने के लिए विनती करनी पड़ रही है। बेटी बचाओ के लिए बजट से पैसा खर्च करना पड़ रहा है। बेटा और बेटी की जन्म दर में अंतर से काफी पीड़ा होती है।
मोदी ने बच्चों के अंदाज में मिलकर बच्चियों को प्रसन्न किया
प्रधानमंत्री ने महिलाओं और बच्चों को पोषण प्रदान करने की जरुरत पर बल देते हुए कहा कि सरकार के साथ-साथ यह परिवार की भी जिम्मेदारी है। केन्द्र सरकार ने हरियाणा से बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की शुरुआत की थी और इसके बाद राज्य में बेटियों के अनुपात में सुधार हुआ।
उन्होंने कहा कि यह धारणा कि बेटा बुढ़ापे की लाठी बनेगा ऐसा लोग गलत सोचते हैं। मैंने देखा है कि बेटे मौज से जीवन जी रहे हैं और मां-बाप को बुढापा वृद्धाश्रम में काटना पड़ रहा है।
बेटियों के जन्म के लिए जागरुकता फैलाने पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि पिछली 4-5 पीढियों की बुराई एकत्र हो गई है और इससे निपटने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि आज से पीएम मतलब मोदी नहीं “पोषण मिशन” है और मेरे विरोधी मुझे जितना भी भला-बुरा कहें यह उनकी मर्जी है।
राजस्थान में बीजेपी को फिर झटका, 33 में से 20 सीटों पर कांग्रेस की जीत
मैं यही चाहता हूं कि प्रधानमंत्री बोले तो उसका मतलब नरेंद्र मोदी नहीं पोषण मिशन होना चाहिए। मोदी के इस कार्यक्रम का राज्य के स्कूलों में सीधा प्रसारण किया गया। संबोधन से पहले प्रधानमंत्री ने महिलाओं और बच्चों से बातचीत की।
इस मौके पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि 2014 में केन्द्र में सरकार बनने पर प्रधानमंत्री ने उन्हें बुलाकर देश में महिलाओं की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर करते हुए इस दिशा में सुधार के लिए कुछ करने पर जोर दिया था। सरकार ने महिलाओं की तरक्की की दिशा में काफी काम किए हैं और लड़के-लड़कियों के अनुपात में अंतर को कम करने में मदद मिली है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने सम्बोधन में कहा कि झुंझुनु की धरती से देश को बड़ी सौगात मिल रही है। यहां से राष्ट्रीय पोषण मिशन और बेटी बचाओ बेटी पढाओ मिशन को आगे बढ़ाया जा रहा है।