नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जनभागीदारी के बल पर देश वर्ष 2014 से विकास की नयी इबारतें लिखी हैंं और वह तेजी से बढ़ते हुए 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनकर दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर अग्रसर है।
मोदी ने यहां ग्लोबल बिजनेस समिट में कहा कि जनभागीदारी के दम पर तेजी से बढ़ते देश काे देखकर यह भरोसा होता है कि सभी नागरिकों को विकास के समुचित अवसर प्रदान किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य देश को अनगिनत स्टार्टअप वाला देश बनाने का है।
हम अपने लोगों को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने के साथ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के अभियान का नेतृत्व करना चाहते हैं। हम आयात पर निर्भरता कम करना चाहते हैं और देश को इलेक्ट्रिक वाहन और ऊर्जा भंडारण उपकरणों के मामले में विश्व में पहले स्थान पर लाना चाहते हैं। इन लक्ष्यों की पूर्ति हेतु और अपने सपने के नये भारत के निर्माण के लिए खुद को समर्पित करना होगा।
उन्होंने पूर्व की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पिछली सरकार में भ्रष्टाचार में आगे निकलने की प्रतिस्पर्धा होती थी लेकिन अब प्रतिस्पर्धा विकास की दौड़ में आगे निकलने की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से विभिन्न मंत्रालयों और राज्यों के बीच विकास काे लेकर प्रतिस्पर्धा होती है। अब प्रतिस्पर्धा काम काे जल्दी पूरा करने को लेकर है।
हमारी सरकार के सत्ता में आने से पहले भी प्रतिस्पर्धा थी लेकिन वह अलग ही तरह की थी। वह प्रतिस्पर्धा इस बात को लेकर थी कौन कितना अधिक भ्रष्टाचार कर सकता है। कौन भ्रष्टाचार के कितने नायाब तरीके ढूंढ सकता है। पहले यह सोचा जाता था कि काेयला ब्लॉक आवंटन में अधिक पैसा मिलेगा या स्पेक्ट्रम आवंटन में।
राष्ट्रमंडल खेलों में अधिक पैसा मिलेगा या रक्षा सौदों में। हमें यह भी अच्छी तरह पता है कि इनके पीछे मुख्य खिलाड़ी कौन थे। यह मैं आप पर छोड़ता हूं कि आपको कौन सी प्रतिस्पर्धा चाहिए।
मोदी ने कहा कि जो अतीत में हुआ वह हमारे हाथ में नहीं है लेकिन हमारा भविष्य हमारे हाथ में है। हम अक्सर यह कहते हैं कि हम पहले हुई औद्योगिक क्रांतियों का हिस्सा नहीं बन पाये लेकिन आज यह गर्व की बात है कि हमारा देश चौथी औद्योगिक क्रांति में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। हमारा योगदान दुनिया को चकित करने वाला है।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि भले ही हम पहले की तीन औद्योगिक क्रांतियों का हिस्सा नहीं बने लेकिन चौथी औद्योगिक क्रांति में हम एक सवार के रूप में नहीं बल्कि एक चालक के रूप में रहेंगे। नवाचार और प्रौद्योगिक इस दिशा में हमारी नींव तैयार करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, मेक इन इंडिया और इनोवेट इंडिया का तेजी से विस्तार हो रहा है और इसका बहुत लाभ हो रहा है। वर्ष 2013 और 2014 में जहां सिर्फ चार हजार पेटेंट दिए गए वहीं 2017-18 में 13 हजार से अधिक पेटेंट दिए गए। यह तीन गुणा बढोतरी है। इसी तरह पंजीकृत ट्रेडमार्क की संख्या भी इस दौरान 68 हजार से बढ़कर करीब ढाई लाख हो गई है। यह चार गुणा बढोतरी है।
उन्होंने कहा कि यह खुशी कि बात है कि देश के कुल 44 फीसदी स्टार्टअप टिएर 2 और टिएर 3 शहरों में पंजीकृत हैं। सैकड़ों अटल टिंकरिंग लैब का नेटवर्क देश भर में फैल रहा है, जो देश में नवाचार का माहौल बना रहा है।