चंडीगढ़ । निजी कॉलेजों के अनुसूचित जातियों के छात्रों की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप (पीएमएस) के मद में बकाया पर विवाद के बीच पंजाब सरकार ने निजी कॉलेजों को 323 करोड़ रुपये तुरंत देने का आश्वासन दिया है।
निजी शैक्षणिक संस्थानों के 14 संगठनों की संयुक्त कृति समिति (जेएसी) ने आज यहां जारी बयान में यह जानकारी दी। जेएसी के अध्यक्ष अश्वनी सेखरी ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास में हुई एक बैठक में 323 करोड़ रुपये देने के अलावा फीस निर्धारण समिति बनाने, बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की तब तक की फीस के भुगतान पर विचार के भी आश्वासन दिये गये हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री खुद नहीं थे पर उनके स्थान पर बैठक की अध्यक्षता समाज कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने की। बैठक में सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया कि 323 करोड़ रुपये का सरकार केंद्र से भुगतान होते ही तुरंत किया जाएगा। केंद्र को प्रदेश सरकार की तरफ से यूटिलिटी सर्टीफिकेट भी दिया जाएगा ताकि केंद्र से और रकम मिल सके।
बैठक में आईटीआई, बीएड, ईटीटी, नर्सिंग आदि पाठ्यक्रमों के लिए फीस निर्धारण समिति बनाने पर भी सहमति बनी। निजी कॉलेजों का कहना है कि पिछली सरकार के समय उक्त पाठ्यक्रमों की फीस काफी कम तय की गई है जिससे कॉलेज कई कोर्स के लिए छात्रों को प्रवेश देने से हिचकिचाते हैंं।
बैठक में सरकार ने जेएसी को यह भी आश्वासन दिया कि कॉलेजों को छात्रों की एक पाठ्यक्रम में पूरी की गई अवधि की फीस मिलेगी। पहले सरकार का रुख था कि जो छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं उनकी फीस कॉलेजों को न दी जाए और ऐसे छात्रों की दी गई फीस कॉलेज को दी जाने वाली पीएमएस राशि से काट ली जाती थी।