नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक निदेशक मंडल ने उसके द्वारा हाल में उजागर किए गए फर्जीवाड़े के मामले में 31 मार्च तक की देनदारियों को निपटाने के लिए सात बैंकों को 6,500 करोड़ रुपए के भुगतान की मंजूरी दे दी है। साथ ही इस मामले में भविष्य की देनदारियों के लिए भी बैंक ने भुगतान करने का फैसला किया है।
आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी और उसके मामा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने फर्जीवाड़ा कर पीएनबी से अपनी कंपनियों के नाम पर कई लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग हासिल किए और उसकी बिना पर विदेशों में भारतीय कंपनियों से तकरीबन 13 हजार करोड़ रुपए के कर्ज लिए थे।
बैंक ने बताया कि उसके निदेशक मंडल ने सभी अंतर-बैंक लेटर ऑफ क्रेडिट और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट का सम्मान करने का फैसला किया है। उसने बताया कि निदेशक मंडल ने 28 मार्च को हुई बैठक में 31 मार्च या उससे पहले परिपक्व हो रहे लेटर ऑफ क्रेडिट और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट की सभी देनदारियों का भुगतान करने की मंजूरी दी है।
बैंक की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस फैसले से हाल में बैंक द्वारा उजागर किए गए फर्जीवाड़े के मामले में लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग की देनदारियों का निपटान करते हुए सात बैंकों को 6,500 करोड़ रुपए का भुगतान करने में मदद मिलेगी। उसने बताया है कि भविष्य में परिपक्व होने वाले लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग का भी सम्मान किया जाएगा।
बैंक के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष सुनील मेहता ने कहा कि निदेशक मंडल के इस फैसले से मजबूत संदेश गया है कि बैंक अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीर है। बैंक ने दावा किया है कि उसका बैलेंसशीट मजबूत है।