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Police Arrest 317 in Paris Ahead of New `Yellow Vests' Protests unfold-येलो वेस्ट : फ्रांस में 350 से अधिक आंदोलनकारी अरेस्ट - Sabguru News
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येलो वेस्ट : फ्रांस में 350 से अधिक आंदोलनकारी अरेस्ट

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येलो वेस्ट : फ्रांस में 350 से अधिक आंदोलनकारी अरेस्ट
Police Arrest 317 in Paris Ahead of New `Yellow Vests' Protests unfold
Police Arrest 317 in Paris Ahead of New `Yellow Vests’ Protests unfold

पेरिस। फ्रांस की राजधानी पेरिस समेत देश के विभिन्न हिस्सों में तेल की कीमतों के विरोध में लगातार चौथे हफ्ते को शनिवार को हज़ारों की संख्या में लोग पीला जैकेट अभियान के तहत सड़कों पर उतरे। पिछले एक दशक के दौरान के सबसे जबरदस्त आंदोलन में आज पुलिस ने 32 लोगों को रिमांड में लेने के साथ ही 350 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।

पेरिस में सिटी सेंटर के सामने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के उग्र होने पर पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। सिटी सेंटर में तेल की कीमतों में वृद्धि के विरोध में पांच हजार प्रदर्शनकारी एकजुट हुए थे।

विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम करते हुए राजधानी पेरिस में आठ हज़ार सुरक्षा बल और 12 बख़्तरबंद गाड़ियों समेत पूरे देश में क़रीब 90 हज़ार सुरक्षाकर्मियों को सड़कों पर उतारा दिया है।

‘द लोकल’ समाचार पत्र के मुताबिक हिंसा को फैलने से रोकने के लिए द चैम्प्स एलिसीज के पास पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के वास्ते आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े, जहां करीब एक हजार प्रदर्शनकारी पुलिस घेरे को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे।

स्थानीय रिपोर्टाें के मुताबिक बड़ी संख्या में पुलिस की मौजूदगी के बावजूद येलो वेस्ट (पीली जैकेट) पहने सैकडों लोग चैम्प्स एलिसीज में घुसने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी बैनर के साथ राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के इस्तीफे की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे।

पेरिस में एहतियात के तौर पर सभी प्रमुख दुकानें बंद करवा दी गई हैं और एफिल टावर समेत कई महत्वपूर्ण स्थानों को बंद रखा गया है। इसके अलावा कई प्रमुख फुटबॉल मैचों तथा संगीत समारोहों काे भी स्थगित कर दिया गया।

गृह मंत्री क्रिस्टोफर कास्टनर ने गत सप्ताह आठ हजार लोगों के एकत्र होने पर कहा कि उन्हें राजधानी में कुछ हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों में कुछ ‘अति हिंसावादी लोग’ शामिल थे जिन्होंने आंदोलन को ‘हाइजैक’ कर रखा है।

मौजूदा आंदोलन और लोगों का विरोध तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, आय का नहीं बढ़ना, बेरोज़गारी, शिक्षा नीति तथा कड़े श्रम क़ानून हैं। ये अपने आप में पहला विरोध प्रदर्शन नहीं है। पिछले कुछ दिनों में इन्हीं मुद्दों को लेकर फ़्रांस की जनता सड़क पर उतरती रही है। तीन सप्ताह पहले शुरु प्रदर्शन की अगुवाई करने वालों को ‘येलो वेस्ट’ कहा जाता है।

दरअसल फ़्रांस के लोग सबसे ज़्यादा डीज़ल से चलने वाली गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। डीज़ल की वर्तमान क़ीमत क़रीब 121 रुपए प्रति लीटर है और पिछले साल की तुलना में इसकी क़ीमत 23 फ़ीसदी तक बढ़ चुकी है। सरकार ने जब एक बार फिर डीज़ल पर 7.6 फ़ीसदी और पेट्रोल पर 3.9 फ़ीसदी टैक्स बढ़ा दिया तब लोगों में इसे लेकर ग़ुस्सा फूट पड़ा और सड़कों पर उतर आए।

लोगों में ईंधन की क़ीमतों की बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ रोष को देखते हुए मैक्राॅन सरकार ने ईंधन टैक्स छह महीने के लिए स्थगित कर दिया है। विरोध प्रदर्शन अपने दूसरे हफ़्ते से बड़ा रूप लेने लगा और गत 17 नवंबर को क़रीब तीन लाख लोग सड़कों पर उतर आए थे।

इसी महीने की पहली तारीख़ को भी क़रीब डेढ़ लाख लोगों ने प्रर्दशन किए और इस दौरान हिंसा की कई घटनाएं हुई थीं। प्रदर्शन के दौरान पेरिस की सड़कों पर हिंसा के बाद सैकड़ों लोगों को गिरफ़्तार किया गया जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।

ईंधन के दामों में वृद्धि के साथ ही लोगों के असंतोष का एक अन्य सबसे बड़ा कारण जीवन जीने की लागत में वृद्धि और आय का न बढ़ना है। फ्रांस के बड़े श्रमिक तबके और निम्म मध्यम-वर्गीय लोगों का कहना है कि उनके लिए जीना मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि प्रर्दशनकारी ‘हमें जीने दो’ का नारा लगा रहे थे।