सबगुरु न्यूज-सिरोही। पीडब्ल्यूडी कॉलोनी सिरोही में पीएचईडी के एसई निर्मलसिंह कच्छवाहा के नाम से आवंटित क्वार्टर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय की विशेष शाखा के साथ सिरोही कोतवाली पुलिस की कार्रवाई के दौरान एक महिला के साथ दो पुरुष निकले, लेकिन कोतवाली पुलिस ने इसमें से एक महिला और पुरुष को पति-पत्नी बताते हुए गिरफ्तार बताया। तीसरा आदमी का क्या हुआ कोई जानकारी नहीं। यह तीसरा कौन है पुलिस इस बात को गोल कर रही है।
जिला विशेष शाखा को शनिवार को सूचना मिली की पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में स्थित पीएचईडी के एसई के नाम से आवंटित क्वार्टर में कुछ लोग हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने डीएसबी ने करीब 3. 50 बजे के आसपास यहां पर कार्रवाई की। इस क्वार्टर में से दो पुरुष और एक महिला निकले।
पुलिस इन्हें अपने साथ कोतवाली ले गई। बाद में कोतवाली पुलिस ने एक महिला और एक पुरुष को गिरफतार बताया। वहीं इस बात को छिपा गई कि तीसरा कौन था?
पुलिस को वहां से एक पाली पासिंग की सफेद रंग की मोटरसाइकिल भी स्थानीय लोगों ने ले जाते हुए देखा। कोतवाल आनन्दकुमार ने बताया कि एसई को आवंटित बंगले में एक दम्पती गलती से घुस गए थे। इन्हें शांतिभंग में गिरफ्तार किया गया है।
सुनसान बंगले में घुसे कैसे?
पुलिस को मुखबिर से सूचना कुछ और मिली थी। सबगुरु न्यूज को मौके के जो लाइव फुटेज मिले हैं उसके अनुसार यह प्रकरण शांतिभंग से अलग ज्यादा लग रहा है। यह बंगला कोने एकदम सुनसान कॉलोनी में स्थित है।
बंगले के ही निकट रहने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार पुलिस की कार्रवाई से पहले एक व्यक्ति उस क्वार्टर की छत पर लेटा हुआ था। जिसे बाद में महिला का पति बताते हुए पुलिस ने गिरफतार किया है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार पाली नम्बर की जो गाडी पुलिसकर्मी साथ ले जाते हुए नजर आए वह उस गली में लगातार आवाजाही करती थी। एसई की अनुपस्थिति में क्वार्टर को खोलने और उसमें से संदिगध दम्पती के घुस जाने और उसमें से पुरुष के खुली छत पर जाकर अकेले लेट जाना पूरे प्रकरण और पुलिस की कार्रवाई को ही संदिगध बना रहा है।
सवाल यह है कि एसई का क्वार्टर खाली था तो उसकी चाबी इस दम्पती के पास कैसे आई, क्वार्टर पर कोई चौकीदार था तो फिर इसमें दम्पती घुस कैसे गया, दम्पती घुस भी गया तो उसके साथ आया पुरुष अकेला जाकर छत पर कैसे लेटा हुआ था, दम्पती यदि सामान्य परिस्थिति में वहां पहुंचा था तो पुलिस को उन्हें 151 में गिरफ्तार करने की जरूरत कहां पड़ी थी। इन सभी सवालों के बिना पुलिस की कार्रवाई ही संदिगध प्रतीत हो रही है।
थाने बजा रहे चैन की बंसी
सिरोही में पुलिस व्यवस्था के हाल बदतर हैं। इस कारण यहां सामाजिक अपराधों की संख्या में निरंतर बढोतरी हो रही है। इन सामाजिक अपराधों की जड़ में ही गंभीर अपराधों की कहानी पनपती रहती है।
हालात ये है कि सिरोही पुलिस ने लम्बे अर्से से आईपीसी और सीरपीसी के अलावा एक्टïस पर तो कार्रवाई की ही नहीं। एक्टï्स पर कार्रवाई के अभाव में सिरोही में बडे अपराध पनप रहे हैं। सिरोही में पुराने एसबीआई गली पर एक पेट्रोल पम्प मालिक से हुई लूट एक्ट के अंतर्गत आने वाले ऐसे ही अपराधों पर कार्रवाई नहीं किए जाने का परिणाम था।
वर्तमान पुलिस अधीक्षक के आने के बाद भी जिले भर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय की विशेष शाखा द्वारा कार्रवाईयां की जा रही हैं। ये बात अलग है कि पुलिस अधीक्षक जय यादव ये कहकर थानों को एक्टिव बताने की कोशिश करते दिखे कि डीएसबी का काम ही जिले के थानों को उनके क्षेत्र में हो रही गैर कानूनी गतिविधियों की सूचना देने का है। जिससे वह कार्रवाई कर सकें।
जबकि पुलिस मुख्यालय से इस बात के स्पष्ट निर्देश हैं कि यदि किसी थाना क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक कार्यालय से कोई कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है या सूचना दी जाती है तो इसके लिए संबंधित थानाधिकारी, बीट प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संभवत: इसी कारण पुलिस अधीक्षक डीएसबी की कार्रवाई को थानों की कार्रवाई बताकर उन्हें बोनस अंक देने का प्रयास करते दिखे।
इनका कहना है..
पीएचईडी के एसई के नाम से आवंटित क्वार्टर से एक दम्पती को 151 में गिरफ्तार किया गया है। यह अनजाने में उस घर में घुस गए थे।
आनन्दकुमार, सीआई, कोतवाली, सिरोही।
डीएसबी खुद कहीं कार्रवाई नहीं करती है। उसका काम सूचनाएं एकत्रित करने का है। वह सूचनाएं एकत्रित करके उसे संबंधित थाने को दे देती है। संबंधित थाना ही उस पर कार्रवाई करता है।
जय यादव
पुलिस अधीक्षक, सिरोही।