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Police got anger during agitaion for kartik bheel - Sabguru News
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कार्तिक भील प्रकरण में सिरोही में पड़ाव, पुलिस आंदोलकारियों में हुई बहस

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कार्तिक भील प्रकरण में सिरोही में पड़ाव, पुलिस आंदोलकारियों में हुई बहस
सिरोही में भीम आर्मी के पड़ाव में तीर लेकर पहुंचा युवक जिसके बाद भड़की पुलिस
सिरोही में भीम आर्मी के पड़ाव में तीर लेकर पहुंचा युवक जिसके बाद भड़की पुलिस

सबगुरु न्यूज-सिरोही। पिछले 6 दिनों से सिरोही जिला मुख्यालय पर कार्तिक भील प्रकरण में चल रहा धरना आज बड़े पड़ाव में तब्दील हो गया। सिरोही समेत आसपास के जिलों से सैंकड़ो लोग अपने वाहनों से यहां पहुंचे। इन दौरान जिला कलेक्टर कार्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज रैली का आयोजन किया जाना था, लेकिन बाद में इसे पड़ाव में तब्दील कर दिया गया।

किसी तरह की अनहोनी से निपटने के लिए जिला पुलिस के अलावा क्विक रेस्पॉन्स टीम के जवानो के साथ वज्र वाहन भी तैनात किया गया। शाम तक पड़ाव जारी रहा बाद में एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से पूर्व में दिए गए 11 सूत्री मांगपत्र पर चर्चा के लिए उनके कार्यालय पहुंचा।

सुबह से ही यहां पर रैली को लेकर सिरोही और इसके आसपास के लोग आते रहे। दोपहर तक सैंकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए। इन्होंने कार्तिक भील की हत्या पर रोष जाहिर किया। लोगों की भीड़ बढ़ने के साथ-साथ कलेक्टर परिसर में पुलिस लवाजमा भी बढ़ता गया।

इस बीच एक युवक अपने साथ तीर कमान ले आया। पुलिस के रोकने पर नहीं रुका। इसके बाद थोड़ा माहौल बिगड़ गया। हथियारबंद लोगों को आते देख वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने रोष जताया। पूरा पुलिस बल उस स्थान पर तैनात कर दिया जहां धरना लगा था। बाद में पुलिस उप अधीक्षक पारसराम चौधरी और धरना आयोजक में जबरदस्त बहस हुई। उन्होंने हथियार बाहर रखने को कहा। बाद में आयोजकों ने उस युवक से तीर कमान लेकर पुलिस को सौंपा तब जाकर मामला शांत हुआ।

इधर, धरना स्थल पर भाषण के दौरान एक पदाधिकारी ने कहा कि वे इस लड़ाई को तीन स्तर पर लड़ेंगे। प्रथम स्तर पर जिन जिन लोगों ने एफआईआर के बाद गिरफ्तारी में देरी की उनके खिलाफ कार्रवाई, हत्या के मामले में एक अलग से एफआईआर करवाकर उसमे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी पार्टी बनाया जाएगा और कार्तिक के शव को पोस्टमार्टम के लिए इतने दिन तक रोकने पर न्यायालय में कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान उन्होंने मुख़्यमंत्री अशोक गहलोत और सिरोही विधायक संयम लोढ़ा को भी आड़े हाथों लिया।

उन्होंने कहा कि कार्तिक के शव के पोस्टमार्टम के बिना इतने दिन रोकने से बॉडी डिकम्पोज होने से कई सबूत खत्म हो जाएंगे, जिससे मुजरिम बच जाएंगे। इसलिए समय पर पोस्टमार्टम करवाया जाना जरूरी है। सभी वक्ताओं के इस पड़ाव में भाषण के बाद एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से वार्ता के लिए गया। पहले तो प्रतिनिधि मंडल के सदस्य मुलाकात के लिए लोगों की सीमित संख्या निर्धारित करने को लेकर नाराज होकर लौट गए। बाद में प्रशासन ने मृतक के परिजनों के साथ 7 लोगों को आने की अनुमति दी। फिर ये प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से मिला।

वार्ता के बाद प्रतिनिधि मंडल के सदस्य गिगराज जोड़ली ने बताया कि  प्रशासन के जरिए हम लोगों को हमारी बात सरकार तक पहुंचानी थी। प्रशासन से हमारा कोई गतिरोध नहीं है। हमारी बात पहुंचा देगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन यदि सभी लोगों की गिरफ्तारी की सूचना दे देता है तो हम तुरन्त पोस्टमार्टम के लिए पंचनामा करवा देंगे।

शाम को चोरासी विधायक राजकुमार रोत ने धरने पर बैठे लोगों को संबोधित किया। रोत ने कहा कि हमारी पांच मांगें हैं। आठों आरोपियों की गिरफ्तारी, मृतक के परिजन के कब्जेशुदा भूखंड का पट्टा, मृतक के परिवार को उदयपुर के कन्हैयालाल की तरह मुआवजा, मृतक के प्रकरण की निष्पक्ष जांच। जंब तक गए मांगे पूरी नहीं होती तब तक ये धरना भले ही एक दो लोगों के साथ चलता रहेगा पर चलेगा।

उल्लेखनीय है कि जवाल क्षेत्र में एक युवक द्वारा युवती को ले जाने के मामले के बाद युवती के पक्ष के युवकों द्वारा 19 नवम्बर को युवक के भाई पिंटू भील और भीम आर्मी का प्रदेश सचिव कार्तिक राणा के साथ बरलूट थाना क्षेत्र में मारपीट हुई थी। इसमें कार्तिक  ही घायल हुआ। उसकी उपचार के दौरान मेहसाणा में 1 दिसम्बर की मध्यरात्रि को मृत्यु हो गई। इसके बाद भीम आर्मी व अन्य संगठनों से नेतृत्व में सिरोही में धरना दिया जा रहा है।

जिला कलेक्टर डॉ भंवरलाल ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल से बात हुई। हमने बिन्दुवार उनसे चर्चा की है। पुलिस वाले लगभग सभी मामलों में वो समहत दिखे। लेकिन, पट्टे के मुद्दे पर बात आकर अटक रही है। जिस जगह पर वो पट्टा मांग रहे हैं वो जगह मास्टर प्लान में  रोड पर आ रही है। गुलाब कोठारी बनाम राज्य सरकार प्रकरण के निर्णय के बाद मास्टर प्लान के रोड पर पट्टा नहीं दे सकते।

उन्होंने बताया कि न्यायालय ने भी इनके मामले को खारिज कर दिया था। हम लोग इन्हें निकटवर्ती केसरपुरा में जमीन देने का विकल्प भी दिया है। लेकिन, ये नहीं माने। इस मामले को राज्य सरकार के भिजवा दिया है। उनके पूछने पर हमने इन्हें विकल्प भी बताया है कि हाइकोर्ट की रोक है ऐसे में वहीं से आदेश मिलने और रास्ते की भूमि आवंटित की जा सकती है।