सबगुरु न्यूज-सिरोही। राफेल हवाई जहाज विवाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी राहुल गांधी द्वारा इस मुद्दे को हवा देने के विरोध में राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर बीजेपी ने सिरोही जिला मुख्यालय पर ज्ञापने देने का कार्यक्रम रखा। इस दौरान भाजपाइयों की हठधर्मिता के कारण पुलिस ने भाजयुमो जिला अध्यक्ष हेमंत पुरोहित को हवा में टांग दिया। वे कलक्टर की गाडी के सामने लेट गए थे।
राफेल प्रकरण में दिए गए निर्णय को भाजपा मोदी सरकार की ईमानदारी पर मोहर के रूप में प्रस्तुत कर रही है, लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस इस प्रकरण में जेपीसी की मांग करते हुए अब भी मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है।
इसके विरोध में राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर राहुल गांधी को जनप्रतिनिधि के पद से बर्खास्त करने के लिए जिला कलक्टरों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने का कार्यक्रम रखा गया। सिरोही पूर्व गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी के नेतृत्व में यह आयोजन हुआ।
रामझरोखा मैदान पर दोपहर को भाजपाई एकत्रित हुए। करीब पांच छह दर्जन लोगों के साथ ये लोग यहां से रैली के रूप में जिला कलक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां पर पहुंचने पर कलक्टर अनुपमा जोरवाल ने पांच जनों को ज्ञापन देने के लिए अपने कार्यालय में बुलवाया। भाजपाइयों के कहने पर उन्होंने यह संख्या बढाकर 11 तक कर दी।
इस पर भीड में खडे समर्थकों में किसी ने कह दिया कि वे अंदर नहीं जाएंगे, कलक्टर ज्ञापन लेने के लिए बाहर आए, इस हठधर्मिता के आगे कलक्टर झुकी नहीं। वे बाहर नहीं आई तो करीब तीन घंटे तक पिण्डवाडा-आबू विधायक समाराम गरासिया, पालिका सभापति ताराराम माली, भाजयुमो जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित, पूर्व गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी आदि के नेतृत्व में उनके कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
तीन घंटे तक कलक्टर ने इनकी एक नहीं सुनी। इस बीच जोश में इन नेताओं ने कहा कि कलक्टर का स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को ही ज्ञापन लेने भेज दें। जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ज्ञापन लेने आए तो भाजपाइयों ने इसे अपनी साख का सवाल बना दिया।
बाद में जब कलक्टर घर जाने लगीं तो उनके कार में बैठते ही भाजयुमो जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित उनकी कार के आगे लेट गए। इसके बाद पुलिस वालों ने उन्हें पहले हवा में टांगा, फिर घसीटा और किनारे ले गए। बिना ज्ञापन लिए वह चली गई।
इस प्रदर्शन में पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष तारा भंडारी, पूर्व जिलाध्यक्ष कमलेश दवे, जिला महामंत्री दिनेश बिंदल, मदन सिंह थल, कालूराम जनवा, रेवदर प्रधान पूंजाराम, सिरोही सभापति ताराराम माली, माउण्ट चेयरमैन सुरेश थिंगर, जिला उपाध्यक्ष हेंमंत पुरोहित, भवानी सिंह, अशोक पुरोहित, सूरजपाल सिंह, जिला मीडिया प्रभारी चिराग रावल, जिलामंत्री कांतिलाल पुरोहित, जय सिंह राव, चम्पत मेवाड़ा, कैलाश रावल, भंवर परमार, मंडल अध्यक्ष कालूराम चौधरी, अर्जुन पुरोहित, डायालाल दवे, राजुभाई अग्रवाल, नरपतसिंह, भेराराम, प्रकाश भाटी, गणपत सिंह, पुखराज कुमावत, छगन घांची, मोर्चा जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित, रक्षा भंडारी, प्रकाश मेघवाल, मनीष मोरवाल, हार्दिक देवासी, किरण पुरोहित, अमर सिंह, लोकेश खंडेलवाल, जब्बर सिंह चौहान, अनिल सगरवंशी, कांतिलाल सेन, मंजू पुरोहित, मनिबाई, रणछोड़ पुरोहित आदि थे।
अपनों में ही निंदा के पात्र बने
भाजपा के इस साधारण धरने में इस तरह कलक्टर को कमरे से बाहर बुलवाने की हठधर्मिता पर धरने का नेतृत्व करने वाले अपनी ही पार्टी से परिपक्व नेताओं के निशाने पर आ गए। इनके अनुसार यह सिरोही शहर या जिले की किसी समस्या के लिए जन आंदोलन नहीं था। ऐसे में इस तरह का अतिउत्साह सही नहीं था।
उनके अनुसार राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर यह ज्ञापन देने का कार्यक्रम था। अपने पुराने अनुभवों को बांटते हुए उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों को शालीनता से अंजाम दिया जाता रहा है। इस तरह की हरकत को उन्होंने सिरोही के विधायक संयम लोढा की नकल बताते हुए यह गलत मुद्दे पर गलत समय पर दिखाया गया उत्साह बताते हुए अपरिपक्वता बताया।
यह था ज्ञापन में
राष्ट्रपति के नाम सौंपे जाने वाले इस ज्ञापन में लिखा था कि राफेल प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न आरोपों के साथ 4 याचिकाएं लगाई गई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने किसी तरह की अनियमितता नहीं होने की बात कही।
इसमें आरोप लगाया कि इसके बाद भी राहुल गांधी इस प्रकरण को विभिन्न मंचों पर उठाकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की साख खराब कर रहे हैं। ज्ञापन में राहुल गांधी पर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलावाड करने का भी आरोप लगाया। इन आरोपों के प्रकाश में ज्ञापन में राहुल गांधी को लोकसेवक के पद से मुक्त किए जाने की मांग की गई।
देवासी ने बताया हठधर्मिता
पूर्व गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी ने बताया कि जिला कलक्टर ने उनके शांतिपूर्ण ज्ञापन कार्यक्रम में उन्होंने हठधर्मिता दिखाई। उन्होंने कहा कि सत्ता आती जाती रहती है, प्रशासन को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। अब इस ज्ञापन को सीधे ही राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।