अजमेर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस द्वारा राज्य व्यापी आह्वान के तहत आज यहां शहर कांग्रेस ने भी केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर राजस्थान में लोकतंत्र को बचाने की मांग की।
कांग्रेसजन अजमेर के डाक बंगले पर एकत्रित हुए और विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, पूर्व उपमंत्री व विधायक ललित भाटी, पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल के संयुक्त नेतृत्व में बहुमत वाली सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा के षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की ताकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपना बहुमत सिद्ध कर सके।
इस मौके पर डॉ. बाहेती ने कहा कि अजमेर ही नहीं पूरे राजस्थान में कांग्रेस एकजुट है और भाजपा के खिलाफ जनता का आक्रोश है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक तरीके से मंत्रीमंडल की मांग पर सदन बुलाए ताकि सदन में ही दूध का दूध पानी का पानी हो जाए।
पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल ने राज्यपाल से केंद्र के दबाव से ऊपर उठकर विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग की। इस मौके पर महेन्द्र सिंह रलावता, जसराज जयपाल, महेन्द्र सिंह गुर्जर, मुनव्वर कायमखानी, रामचंद्र चौधरी, पूर्व विधायक नसीम अख्तर, ललित भाटी, नाथूराम सिनोदिया, सुरेश राठौड, गुलाम मुस्तफा, शैलेन्द्र अग्रवाल, सबा खान समेत कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
कलेक्टर के कक्ष में नेताओं की भीड
कलेक्ट्रेट के गेट पर प्रदर्शन के दौरान भारी भीड जमा थी। ऐसे में पुलिस का अतिरिक्त जाप्ता बैरिकेड्स के जरिए रास्ता रोके हुए था। ज्ञापन सौंपने के दौरान कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित का कक्ष खचाखच भर गया। आमतौर निधारित पांच की संख्या से इतर संख्या इतनी अधिक थी कि सोशल डिस्टेंसिंग टूट गई। हर नेता ज्ञापन सौंपने के दौरान फोटो खिंचवाने को आतुर था। कलक्टर ने बडे ही सहज भाव से ज्ञापन थामा। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग टूटने के बावजूद कोई टिप्पणी नहीं की।
सचिन पायलट के समर्थक नदारद
प्रदर्शन के दौरान यूं तो खासी भीड नजर आई लेकिन हमेशा कांग्रेस के प्रदर्शन में दिखाई पडने वाले अधिकांश चेहरे नदारद थे। भीड में अशोक गहलोत के जयकारे लग रहे थे। माहौल से साफ लग रहा था कि पायलट समर्थकों ने प्रदर्शन से दूरी बनाए रखी। इसके दूसरे मायने ये भी लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट ने संगठन के सर्वेसर्वा होने के दौरान गहलोत समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं को तवज्जों नहीं दी और अब मौका हाथ लगा तो गहलोत समर्थकों ने दम दिखाने में कसर नहीं छोडी। कहा यह भी जा रहा है कि प्रदर्शन में जुटी भीड कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कम और डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी के इशारे पर जमा हुए ग्रामीणों की अधिक थी। बडा सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या चौधरी भी गहलोत समर्थक हो गए?
कांग्रेसियों को जुटाने में बाहेती ने बहाया पसीना
एक तरफ जब कांग्रेस की शहर और देहात ईकाईयां भंग कर दी गई हैं, ऐसे में श्रीगोपाल बाहेती ने पर्दे के पीछे से प्रदर्शन की कमान खुद संभाल ली। देर रात तक वे शहर में प्रभावशाली पदाधिकारियों को प्रदर्शन में आने का न्योता देते रहे। बाहेती को मुख्यमंत्री गहलोत का करीबी माना जाता है। सूत्र बताते हैं कि जितनी भीड जमा हुई वह बाहेती की मेहनत का नतीजा है। पायलट के हाथ में संगठन की सत्ता रहने के दौरान अति सक्रिय रहने वाले निवर्तमान शहर अध्यक्ष विजय जैन और देहात अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड, हेमन्त भाटी, रामनारायण गुर्जर, आदि नेता सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन में कहीं नहीं नजर आए। हालांकि बाहेती का कहना है कि जैन व राठौड का प्रदर्शन को पूरा समर्थन है।