जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान की पहल पर सुलह करने वाले सचिन पायलट के कांग्रेस से वापस जुड़ने पर अब यहां का सियासी संकट खत्म हो गया है।
पायलट के साथ गये 18 विधायकों में से तीन निर्दलीय विधायकों ने भी आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर उनके प्रति विश्वास व्यक्त किया है। पायलट के साथ रहे भंवर लाल शर्मा ने भी गहलोत के नेतृत्व विश्वास किया है तथा सियासी संकट खत्म होने का दावा किया है।
पायलट भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस नेता प्रियंका एवं राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह कह चुके है कि बगावत जैसी कोई बात नहीं थी कुछ मुद्दे आलाकमान के सामने रखे जाने थे जो अब बातचीत के बाद सुलझ गये हैं।
गहलोत ने भी बागी विधायकों के लौटने पर प्रसन्नता व्यक्त करने के साथ उन्हें गले लगाने का भरोसा दिलाया है। गहलोत आज जैसलमेर जा रहे हैं जहां पहले से ठहरे मंत्रियों एवं विधायकों से बातचीत करेंगे। 14 अगस्त से शुरु हो रहे विधानसभा सत्र में भी अब गहलोत को बहुमत साबित करने की कोई चुनौती नहीं है तथा वह अपना कार्यकाल आराम से पूरा कर सकेंगे।
राजस्थान में सुलह भाजपा को करारा जवाब : कांग्रेस
कांग्रेस ने राजस्थान प्रदेश इकाई में कई दिनों से जारी विवाद के सुलझने पर प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए इसे पार्टी आलाकमान के सबको साथ लेकर चलने की नीति का परिणाम बताया और कहा कि यही भारतीय जनता पार्टी को करारा जवाब है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश कांग्रेस नेताओं के बीच चल रहे विवाद से लगातार संकट बढ़ रहा था लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के सबको साथ लेकर चलने और पार्टी में सबकी भावनाओं का आदर करने की नीति के कारण इस विवाद का हल निकला है।
उन्होंने कहाकि राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम के पटाक्षेप पर आठ करोड़ प्रदेशवासियों को बधाई। राहुल गांधी की दूरदृष्टि तथा सबको साथ ले कर चलने का संकल्प और प्रियंका गांधी वाड्रा का सहयोग रंग लाया। अशोक गहलोत की परिपक्वता एवं सचिन पायलट के विश्वास तथा निष्ठा ने हल निकाला। ये राजस्थान के तरक़्क़ी पथ पर चलने की जीत है।
प्रवक्ता ने इस सुलह काे भाजपा को करारा जवाब बताया और कहा कि यह भाजपा को करारा जवाब है, जो अल्पमत में हो कर तथा जनता से दरकिनार किए जाने के बावजूद सरकार बनाने के सपने देख रहे थे।
ये वही हैं जो सब हथकंडे अपनाने के बाद भी भाजपा विधायक दल की बैठक तक नहीं बुला पाए तथा आख़िर में बाड़ेबंदी करनी पड़ी। अब सब गिले-शिकवे और कड़वाहट भुला सभी विधायक व कांग्रेस के साथी शक्तिशाली, शांतिप्रिय व तरक़्क़ीपसंद राजस्थान के लिए काम करेंगे। यही वीरभूमि राजस्थान का ध्येय व कर्म है।