जैसलमेर। राजस्थान में जैसलमेर की दो प्रमुख होटलों में मौजूद राज्य सरकार के मन्त्रियों, विधायकों की चल रही बाड़ाबंदी से विधायकों के उक्ताने और असंतोष जताने की बातें सामने आ रही है।
सूत्रों ने आज बताया कि इन दिनों जैसलमेर में पांच सितारा होटल से तरह तरह की चर्चायें, कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। अब विधायक इतने दिनों से एक ही स्थान में बंद रहने के कारण उक्ताने लगे हैं और कही असंतोष उभरने की भी बात भी कही जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस हाईकमान ने इन सबको संगठित रखने के लिए ए.आई.सी.सी के संगठन महामंत्री के.सी.वेणुगोपाल, राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे, सहप्रभारी विवेक बंसल एवं कांग्रेस नेता अजय माकन सहित अन्य कई बड़े नेताओं को जैसलमेर भेजा है जो इन विधायकों एवं मन्त्रियों के साथ बैठक करके आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं।
इसके अलावा कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी, शान्ति धारीवाल, रुपाराम धनदेव, भंवर सिंह भाटी आदि होटल में मौजूद विधायकों को एकजुट रखने में जुटे हैं। उनकी हर छोटी बड़ी मांग की पूर्ति की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि इन सब के बावजूद होटल के अंदरखाने से जो जानकारी मिल रही हैं उसके अनुसार ऐसी चर्चाओं का बाजार गर्म है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी तीसरे विकल्प पर गहनता से विचार विमर्श चल रहा है।
शायद सोनिया गांधी भी सचिन पायलट गुट के कुछ एमएलए से कुछ दिन में मिल सकती हैं। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शनिवार को लगातार चौथे दिन जैसलमेर आने का कार्यक्रम रद्द हो गया है। लगातार चार दिनों से उनके कार्यक्रम रद्द होने से भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।
उधर, होटलों में कैद इन विधायकों के परिजन भी अब उनसे मिलने जैसलमेर पहुंचने लगे हैं। शुक्रवार को डीडवाना के विधायक चेतन डुड्डी की पत्नी अपने पति से मिलने के लिए जैसलमेर पहुंची। उन्हें पूछताछ के बाद अपने पति से मिलने दिया गया। इसी तरह बसपा विधायक राजेन्द्र गुड्डा के बेटे एवं बेटी भी शुक्रवार जैसलमेर पहुंचे थे।
इसके बाद शनिवार को उनकी पत्नी भी जैसलमेर पहुंची जिन्हें अनुमति मिलने के बाद पति के पास जाने दिया गया। बाद में गुड्डा परिवार ने भारत पाक सीमा पर स्थित तनोट माता के दर्शन भी किए। इसके अलावा अन्य कई विधायक, मन्त्रियों एवं एआईसीसी के सदस्यों ने तनोट माता के दर्शन किए। इनमें मंत्री भंवर सिंह भाटी, पूर्व सांसद रघुवीर प्रसाद मीणा आदि शामिल हैं।
दूसरी ओर बताया जाता है कि होटल में मौजूद राजस्थान की सरकार के इन विधायकों, मन्त्रियों को एकजुट रखने में कांग्रेस नेतृत्व को काफी पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। शह और मात के इस खेल में जैसलमेर की बाड़ाबंदी में मौजूद इन विधायकों की कई मांगों को कांग्रेस सरकार द्वारा मजबूरी में मानना पड़ रहा है। कई विधायकों द्वारा सरकार के साथ सौदेबाजी करने की भी जानकारी मिली है। कुछ विधायकों के नाराज होने की भी जानकारी मिली हैं। फिलहाल पूरा सियासी पारा उबला हुआ नजर आ रहा है।
सूत्रों के अनुसार जैसलमेर के पांच सितारा होटल सूर्यगढ़ के बाहर सन्नाटा पसरा है। केवल चुनिंदा मीडिया एवं ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के अलावा किसी प्रकार की कोई हलचल नजर नहीं आ रही है, लेकिन होटल के अंदर राजनीति का पारा लगातार गर्म होता जा रहा हैं खासकर इस गुटबाजी में बाड़ेबंदी का फायदा उठाकर कुछ चुनिंदा विधायक अपनी मनमानी मांगों के लिए सरकार पर दबाव डाल रहे हैं। अपने चहेते अधिकारियों एवं रिश्तेदारों की मन-माफिक पोस्टिंग का दबाव सरकार पर डाला जा रहा है।
उधर सेंधमारी की आशंका के चलते दोनों होटलों की व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है तथा चप्पे चप्पे पर पुलिस एवं सादावर्दी में खुफिया पुलिस के जवान अधिकारी पैनी निगाह रखे हुए है। बताया जाता है कि जैसलमेर में कुछ दूसरे राज्यों के वाहन देखे गए हैं। इसे देखते हुए पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है।