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केंद्रीय मंत्री शेखावत का CM पर कटाक्ष, अराजकता भरा है राजभवन को घेरने वाला बयान - Sabguru News
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केंद्रीय मंत्री शेखावत का CM पर कटाक्ष, अराजकता भरा है राजभवन को घेरने वाला बयान

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केंद्रीय मंत्री शेखावत का CM पर कटाक्ष, अराजकता भरा है राजभवन को घेरने वाला बयान

नई दिल्ली/जयपुर/जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजभवन का घेराव करने वाले बयान को अराजकता से भरा करार दिया। शुक्रवार को दिल्ली में पत्रकारों से मुखातिब शेखावत ने कहा कि लोकतंत्र की बार-बार दुहाई देने वाले और खुद को गांधीवादी कहने वाले व्यक्ति को यह शोभा नहीं देता। किसी भी संवैधानिक पद की अपनी मर्यादा है। उस मर्यादा को बनाए रखते हुए आचरण करने की जिम्मेदारी हम सबकी है।

दरअसल, मुख्यमंत्री ने जयपुर के फेयरमाउंट होटल के बाहर मीडिया से कहा था कि राजस्थान की जनता आकर राजभवन का घेराव करेगी, फिर आप उसका दोष हमें मत दीजिएगा। शेखावत ने कहा कि इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने तो कहा भी है कि राजस्थान पुलिस पर हमको भरोसा नहीं है। अब तुरंत राजभवन की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ बुलाई जानी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य की जनता व्यथित और कष्ट में है। कोरोना का संकट फैल रहा है। जालौर में महिला पर अत्याचार की घटना हुई। रतनगढ़ में पानी मांगने वाले व्यक्ति के साथ सरकारी अधिकारियों ने दुर्व्यवहार किया। मीडिया के साथ दुर्व्यवहार हुआ। ऐसी अनेक घटनाएं सामने आ रही हैं।

दूसरी तरह राजस्थान सरकार होटल में बैठकर गाने गाती हुई दिखाई देती है। विधायक-मंत्री इटैलियन खाना बनाना सीखते हुए दिखाई देते हैं, तो राज्य का नागरिक होने के नाते जनता के दर्द को देखकर मन में दुःख होता है। उन्होंने कहा कि यह समय गरीब के घाव पर मरहम लगाने का था लेकिन सरकार फिल्में देखने, फुटबॉल खेलने और अंताक्षरी के गानों में मस्त है। शेखावत ने फेयरमाउंट होटल को राजस्थान की सत्ता का सचिवालय या विधायक आवास भी करार दिया।

इस मामले में हाईकोर्ट के निर्णय पर टिप्पणी से इनकार करते हुए शेखावत ने कहा कि भाजपा नेताओं ने तो कहा था कि लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का जिस तरह से चीरहरण हो रहा है, आंतरिक लोकतंत्र जिस तरह से खतरे में आया है, इन सब विषयों पर कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। अंतः कोर्ट ने उस दिशा में अपना निर्णय लिया है।

संजीवनी कॉरपोरेटिव घोटाले में राजनीति के तहत नाम खींचने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि यह न्यायालय का विषय है। मुझे टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। अब आवेदन पत्र लगाया गया कि एसओजी पुनः जांच करे। एसओजी ने पिछले डेढ़ साल में उस क्रेडिट कॉरपोरेटिव सोसायटी की पूरी जांच की है। बिना विस्तृत जांच के चार्जशीट फाइल नहीं होती है और वो 2 बार हो चुकी है। फिर भी किसी को लगता है और न्यायालय कहता है कि पुनः जांच की जाए तो एकबार फिर जांच हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके पीछे भी राजनीतिक साजिश है। समय की कड़ियां जोड़कर देख लीजिएगा तो आप सबके सामने विषय स्पष्ट हो जाएगा कि कैसे, क्यों, किस उद्देश्य के साथ, किन लोगों ने मिलकर ऐसे सारे षड्यंत्र रचे।

शेखावत ने कहा कि कहीं झूठे ऑडियो टेप के नाम पर मुख्यमंत्री बयान देते हैं कि हम ऑडियो टेप को जांच करने के लिए अमरीका भेजेंगे। हमको उनकी सीबीआई पर विश्वास नहीं है। उनके बयान में अपने घर की कमजोरी का रिफ्लेक्शन है। उन्होंने कहा कि मैं पहले दिन से कह रहा था कि लड़ाई आपके घर में, कुनबे में है। तब वो कहते थे कि हमारे घर में लड़ाई नहीं है, हम एकजुट हैं।

आज कहते हैं कि हमारे लोगों को बहला-फुसलाकर वहां बैठाया है, जबकि सचिन कैंप आरोप लगता है कि मुख्यमंत्री ने बाड़े में बंद करके लोगों को रखा है, जबकि गहलोत कहते हैं कि उनके लोगों को बाड़े में बंद करके रखा गया है, बाउंसर लगा दिए हैं। वो टेलीफोन पर रो रहे हैं, उनकी परिजनों से बात नहीं हो पा रही। फिर कहते हैं कि वो नाकारा है, निकम्मा है।

शेखावत ने कहा कि मुझे लगता है कि यह सब निराशा और फ्रस्टेशन है। उसकी प्रतिक्रिया के रूप में आप दूसरों के घर पर कीचड़ फेंकने का काम कर रहे हो। उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टी के लोग, जिसका सारा केंद्रीय नेतृत्व बेल पर जेल से बाहर है, वो दूसरों पर आरोप लगाएं। जनता सब देखती है और समझती है।

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