नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय के कल के आदेश के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा।
इस बीच सचिन पायलट की ओर से कैविएट दायर की गई है और न्यायालय से आग्रह किया गया है कि इस मामले में कोई भी फैसला सुनाने से पहले उन्हें भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए।
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बुधवार को ही मामले की सुनवाई किए जाने को लेकर मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष विशेष उल्लेख किया था, लेकिन उसने आज सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।
न्यायमूर्ति बोबडे ने सिब्बल को कहा था कि वह रजिस्ट्री जाएं और वहां इस बात को लेकर आग्रह करें। रजिस्ट्री ही मामला सूचीबद्ध करेगी। सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर आज शाम जारी कॉज लिस्ट में यह मामला न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरानी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है।
बतादेंकि स्पीकर ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने शुक्रवार तक सचिन पायलट और उनके खेमे के 18 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय विधानसभा अध्यक्ष को सचिन गुट पर कार्रवाई करने से नहीं रोक सकता। न्यायालय का कल का आदेश न्यायपालिका और विधायिका में टकराव पैदा करता है। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश पर रोक लगाए जाने की भी मांग शीर्ष अदालत से की है।
याचिका में अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय के पुराने फैसले का हवाला भी दिया है और कहा है कि शीर्ष अदालत ने अपने पुराने फैसले में कहा है कि जब तक अयोग्यता की कार्यवाही पूरी नहीं होती, तब तक अध्यक्ष की कार्रवाई में न्यायालय दखलंदाजी नहीं कर सकता।