नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने गुरुवार को समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली और पार्टी के पूर्व सहयोगियों गोपाल पचेरलवाल तथा मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एसपी मुरगई को 20 साल पुराने रक्षा सौदा भ्रष्टाचार मामले में चार साल की कैद की सजा सुनाई है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दोषियों को अधिकतम सात साल जेल की सजा देने का बुधवार को अदालत से अनुरोध किया था। सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश वीरेन्द्र भट ने सुनवाई के बाद आज तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में एक अन्य आरोपी सुरेंदर कुमार सुरेखा बाद में गवाह बन गया था।
अदालत ने सजा के अलावा तीनों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है और दोपहर तीन बजे तक तीनों को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।
सीबीआई की ओर से पेश वकील ने अदालत के समक्ष कहा था कि दोषियों को अधिक से अधिक सजा देनी चाहिए, क्योंकि उनके द्वारा किए गए अपराध की प्रकृति बेहद गंभीर है। सीबीआई ने कहा था कि तहलका न्यूज पोर्टल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद इस मामले में आरोपियों की भूमिका खुले तौर पर सबके सामने आई।
सीबीआई ने मांग थी कि जया जेटली और उनकी ही पार्टी के पूर्व सहयोगी गोपाल पचेरलवाल तथा मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एसपी मुरगई की सजा को लेकर कोई नरमी ना बरती जाए। अदालत ने इस मामले में 25 जुलाई को जया जेटली और अन्य दोनों को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का दोषी माना था। जया जेटली के अधिवक्ता ने अदालत से उनकी मुवक्किल की अधिक उम्र देखते हुए सजा सुनाने में नरमी बरते जाने की अपील की थी।
न्यूज पोर्टल तहलका ने जनवरी 2001 में ऑपरेशन वेस्टएंड नामक स्टिंग किया था। इसमें काल्पनिक कंपनी बनाकर सेना के लिए हाथ से संचालित होने वाले थर्मल इमेजर्स की आपूर्ति ऑर्डर के लिए दोषियों को रिश्वत लेते दिखाया गया था।
जया जेटली तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस की निकट सहयोगी रही हैं। मामले का खुलासा होने के बाद फर्नांडिज को इस्तीफा देना पड़ा था। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को इस मामले में क्लीन चिट मिल गई थी।