मुंबई। ‘द टेस्ट केस’ की अभिनेत्री निमरत कौर ने कहा कि सेना में राजनीतिक दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए। निमरत वेब सीरीज ‘द टेस्ट केस’ में एक युद्धरत सैनिक की भूमिका निभा रही हैं। उनके पिता की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी।
उनका कहना है कि उनकी मां ने उन्हें मुस्लिम विरोधी वातावरण से दूर रखा और उनमें उदार सोच विकसित होने दी। लेकिन आज देश में जो वातावरण बनाया जा रहा है, उससे युवा पीढ़ी उदार नहीं, बल्कि संकुचित विचारों वाली हो जाएगी।
टीवी चैनल ‘मिरर नाउ’ के कार्यक्रम में निमरत ने पिछले सप्ताह जम्मू में सैन्य शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के बारे में कहा कि मुझे लगता है कि राजनीति को अपने कार्यक्षेत्र के दायरे में रहना चाहिए और सेना के मामले में उसे दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए जैसे भारतीय सेना राजनीति में दखलंदाजी नहीं करती।
‘द लंचबॉक्स’ की अभिनेत्री ने कहा कि मुझे पता है, मेरे पिता की हत्या मुस्लिम आतंकवादियों ने की थी। भारत में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जब कुछ लोगों ने कहा कि मुसलमान ऐसे होते ही हैं, उनके धर्म में हिंसा है, वे लोगों को मारते हैं।
उन्होंने और भी कई तरह के नफरत भरे विचार में मन में भरने की कोशिश की। लेकिन मेरी मां ने हमेशा उनका मुंह बंद किया और मुझे ऐसे लोगों से दूर रखा, क्योंकि वह मुझे एक उदार सोच वाली देश की नागरिक बनाना चाहती थीं।
अभिनेत्री फिल्म निर्माता एकता कपूर के साथ टॉक शो ‘द टाउन हॉल’ में शिरकत कर रही थीं। शो की मेजबान पत्रकार बरखा दत्त थीं।
कैंट परिसर के धर्म निरपेक्ष वातावरण में पली बढ़ीं अभिनेत्री ने कहा कि देखिए, एक सिख को पहचानना बहुत आसान है। सिख के सिर पर पगड़ी और चेहरे पर दाढ़ी होती है.. यह हमारे धर्म में होता है। कैंट परिसर में मैंने खुद में और अपने दोस्तों में इसके अलावा और कोई अंतर महसूस नहीं किया। हम सबको समान धर्म, समान भोजन, रहने के लिए ऐसे घर दिए गए जो एक-दूसरे की प्रतिमूर्ति थे।
उन्होंने कहा कि हमारे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा बिना किसी भेदभाव के अगल-बगल में थे। कैंट में धर्मनिरपेक्ष माहौल था। फिर मेरे पिता की हत्या हो गई और मेरा परिवार नोएडा में रहने लगा। मैंने धार्मिक भेद कभी महसूस नहीं किया।