जयपुर। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव अभियान का बिगुल बज चुका हैं और सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी एवं प्रमुख विपक्ष कांग्रेस द्वारा विकास, भ्रष्टाचार, राफेल विमान सौदा, जीएसटी, नोटबंदी, तथा अन्य कई मुद्दों के साथ एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों के बीच अपनी सरकार बनाने के दावे किए जाने लगे हैं।
भाजपा ने अपना चुनाव अभियान का शंखनाद गत सात जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जयपुर दौर से ही कर दिया और इसके बाद 21 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेकर इसे और गति प्रदान करते हुए सरकार द्वारा किए गए विकास कार्याें के जरिए राज्य में फिर से भाजपा की सरकार बनाने के दावे किए।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चार अगस्त को उदयपुर संभाग के राजसमंद जिले में चारभुजानाथ मंदिर से चालीस दिन की राजस्थान गौरव यात्रा की शुरुआत कर विभिन्न स्थानों पर जाकर राज्य सरकार की उपलब्धियां गिना रही हैं।
राजे इस दौरान पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर उसके साठ सालों के शासन में कुछ नहीं करने एवं लोगों को भ्रमित एवं आपस में लड़ाने का आरोप लगाते हुए अपने पिछले साढ़े चार वर्ष में किए गए विकास कार्यों की बदौलत आगामी विधानसभा चुनाव में फिर भाजपा की सरकार बनने के दावे कर रही हैं।
राजे ने बताया कि वह अपनी यात्रा के दौरान सरकार की उपलब्धियां बताने के साथ वह लोगों के साथ संवाद कर उनसे फीड बैक भी ले रही है ताकि उसे यह पता चल सके कि सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचा या नहीं।
उन्होंने कहा कि वह लोगों तक नहीं जाती और जयपुर में ही बैठकर यह जानने का प्रयास करती तो क्षेत्र में कितना काम हुआ इसका सही आकलन नहीं हो पाता, अब यात्रा में लाभार्थियों से मिलकर यह तो साबित हो रहा है कि सरकार का काम लोगों तक पहुंचा हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सबका साथ सबका विकास के तहत काम किया और प्रदेश में उसका फायदा हर वर्ग को मिला और इसकी बदौलत राज्य में भाजपा की फिर सरकार बनेगी। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने हर संभाग में जाकर जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया और लोगों की समस्याएं सुनी और उनका मौके पर ही निस्तारण के निर्देश दिए गए।
राजे इन कार्यक्रमों में पूर्व कांग्रेस सरकार के पिछले शासन की तुलना भाजपा सरकार के शासन से कर अपने शासन को बेहतर बताते हुए फिर भाजपा की सरकार बनने के दावे कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के पचास हजार रुपए तक के कर्जे भी माफ किए हैं।
राजे ने अपनी गौरव यात्रा में लोगों से यह भी कह रही है कि अगर राज्य का विकास चाहते हो तो हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन को रोकना होगा। उन्होंने कहा कि बार बार सत्ता परिवर्तन से प्रदेश का विकास संभव नहीं हैं।
इसी तरह कांग्रेस ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से जयपुर में शनिवार को ही चुनाव अभियान का शंखनाद कराया। गांधी ने रोड शो किया और पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में भाग लिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट का मानना है कि इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में जोरदार उत्साह का संचार हुआ हैं और लोगों में पार्टी के प्रति अच्छा संदेश गया हैं।
गांधी ने कांग्रेस के चुनाव अभियान का शंखनाद के दौरान राफेल विमान सौदा मुद्दे काे उछालते हुए मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे जहां लाखों युवा लाेगों का रोजगार छीन लिया गया वहीं तीन गुना ज्यादा में विमान खरीदने का सौदा कर देश को आर्थिक नुकसान पहुंचाया हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी एवं नोटबंदी के मुद्दे भी उठाए और कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई तो वह जीएसटी को एक कर के दायरे में लायेंगे तथा इसमें पेट्रोल एवं डीजल को भी शामिल किया जाएगा।
गांधी ने दावा करते हुए कहा कि राज्य में भाजपा सरकार के नाकाम रहने से आगामी विधानसभा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सरकार होगी जिसमें उनकी सुनी जाएगी।
इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी महासचिव अशोक गहलोत एवं पायलट भी अपने कार्यक्रमों में राज्य सरकार को कोसते हुए इस बार लोगों का झुकाव कांग्रेस की तरफ बताते हुए उनकी सरकार बनने के दावे कर चुके हैं। इससे पहले कांग्रेस राज्य सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए मेरा बूथ मेरा गौरव कार्यक्रम चलाया।
चुनाव अभियान में नेता लोग मंदिर दर्शन पर भी ज्यादा जोर देने लगे हैं। भाजपा की गौरव यात्रा की शुरुआत चारभुजानाथ मंदिर से की और इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी चुनाव अभियान के शंखनाद के बाद जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में दर्शन किए। इस बार चुनाव अभियान में अभी तक राममंदिर मुद्दा तो नहीं उठा लेकिन प्रमुख दोनों ही पार्टियों के नेता मंदिर जाना नहीं भूल रहे हैं।
राज्य में इन दलों के अलावा अन्य राजनीतिक दल भी सक्रिय होने लगे हैं और वह धीरे धीरे अपने कार्यक्रम तय कर जनता के सामने आने लगे हैं। कई दिनों तक भाजपा में असंतुष्ट रहे विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने पिछले दिनों पार्टी छोड़कर नई पार्टी भारत वाहिनी बना ली और आगामी चुनावों में राज्य की सभी दो सौ सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने अपना जनसंपर्क शुरु कर दिया हैं।
इसी तरह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, लोकतांत्रिक जनता दल, नेशनल पीपुल्स पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी आदि पार्टियां भी अब धीर धीरे सक्रिय होने लगी हैं। आगामी चुनावों के मद्देनजर राष्टीय लोकदल ने अपना प्रदेश नेतृत्व बदला हैं और महेन्द्र सिंह चौधरी की जगह विद्याधर ओलखा को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया हैं।
इसी तरह प्रदेश में राजपा का नेतृत्व कर रहे डॉ किरोड़ी लाल मीणा के भाजपा में चले जाने के बाद राजपा ने अपने विधायक नवीन पिलानियां को प्रदेश अध्यक्ष बनाया हैं। उल्लेखनीय है कि गत विधानसभा चुनाव में राजपा के चार उम्मीदवारों ने चुनाव जीता था। उधर बसपा के नेता भी सक्रिय हो गए हैं और उनका कांग्रेस के साथ गठबंधन होने की चर्चा हैं।
नागौर जिले के खींवसर से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल भी पिछले दिनों नागौर, बीकानेर एवं सीकर में बड़ी रैलिया कर लोगों की नजर में आए हुए हैं और उनकी रैली में लोगों की भीड़ को देखकर प्रमुख राजनीतिक दल भी इसे नजरअंदाज नहीं कर पा रहे हैं।