नई दिल्ली। दीपावली के बाद राजधानी एक बार फिर गैस चैंबर बनने के मुहाने पर पहुंच गई है और प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है तथा इस हालात से शुक्रवार तक राहत की उम्मीद भी नहीं जताई जा रही है!
राजधानी में बुधवार को प्रात: पी एम 2.5 का स्तर 500 पर पहुंच गया और पी एम 10 का स्तर 379 पर पहुंच गया । इसके बाद की स्थिति ‘आपातकाल’ मानी जाती है। दिल्ली ही नहीं, इससे सटे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के इलाकों में भी बुरा हाल है ।
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर जनता त्रस्त है तो राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में मशगूल हैं। लोग दम घोंटू मौसम से निजात पाने के लिए मास्क लगाकर सड़कों पर नजर आये। दृश्यता की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी ।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) का कहना है कि पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण में खतरनाक स्तर तक बढ़ोतरी हुई है ।
आप के प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से निजात पाने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना चाहिए। पार्टी का कहना है कि प्रदूषण की समस्या से अकेले दिल्ली सरकार ही निजात नहीं दिला सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली की आबोहवा बुधवार को ‘गंभीर श्रेणी’ की रही और प्रदूषण का औसतन सूचकांक 416 रहा ।
दिल्ली में आसमान में धुंआ और धुंध छाई हुई है। गंभीर स्तर तक पहुंचे प्रदूषण के लिए दिवाली के मौके पर आतिशबाजी छोड़े जाने और पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाये जाने को मुख्य कारण बताया जा रहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा और पंजाब सरकारों से दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति और खराब होने से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया ।
प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में तो दिक्कत हो ही रही है। गले में खराश और चक्कर आने के साथ ही आंखों में जलन की शिकायत तेजी से बढ़ी है । बुजर्गों और बच्चों का और बुरा हाल है तथा सांस के मरीज की तकलीफों का अंदाज नहीं लगाया जा सकता। रामाकृष्णा पुरम में बुधवार सुबह आठ बजे पीएम 2.5 का स्तर 192 तो पीएम 10 का 167 रहा।
मौसम विभाग का कहना है कि हवा का बहाव तेज नहीं होने के कारण प्रदूषण का दबाव दिल्ली और आसपास के इलाकों में थम गया है और अगले दो दिन तक हालात ऐसे ही बने रहने का अनुमान अधिक है। हवाओं का रुख उत्तर-पश्चिम की तरफ होने से पराली का धुंआ तेजी से दिल्ली की तरफ आ रहा है । पिछले दो दिन के दौरान पराली जलाने में भी तेजी देखने को मिली है। मंगलवार को दिल्ली में प्रदूषण का सूचकांक 400 तो गाजियाबाद में 446 था । नोएडा में यह 439 रहा ।