सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि राज्य में कोई ‘पॉरिबॉर्तन’ (बदलाव) नहीं होगा लेकिन दिल्ली में यह जरूर हो जाएगा।
बनर्जी ने यहां ‘एलपीजी मूल्य बढ़ोतरी मार्च’ की अगुवाई करते हुए कहा कि खेला होबे, मैं उनसे एक-एक कर लड़ाई के लिए तैयार हूं, अगर वे भाजपा वाले वोटों को खरीदना चाहते हैं, तो आप भी धन लीजिए और अपने वोट तृणमूल कांग्रेस को दीजिए। भारत एक ही सिंडिकेट को जानता है और वह सिंडिकेट नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का है।
उन्होंने एलपीजी और पेट्रोल तथा डीजल मूल्य वृद्धि के खिलाफ पदयात्रा की समाप्ति करने के बाद कहा कि भाजपा यहां विकास के लिए नहीं आती है लेकिन वे अपने काम का प्रचार करने आते हैं, लेकिन इस प्रचार से पहले उन्हें यह तो जवाब देना चाहिए कि आखिरकार इन वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी क्यों हो रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी कहते हैं कि बंगाल में महिलाओं की कोई सुरक्षा नहीं है लेकिन आप उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों में देखिए, बंगाल में महिलाएं बिल्कुल सुरक्षित हैं। भाजपा कहती है कि वे पश्चिम बंगाल को ‘सोनार बांग्ला’ बना देंगे लेकिन वे केन्द्र में भी कोई काम करने के लायक नहीं हैं। मैंने ऐसा कोई प्रधानमंत्री नहीं देखा है जो हर जगह झूठ बोलता है, वह कुछ नहीं जानते हैं लेकिन झूठ बोलना जानते हैं, वह टेलीप्रोम्टर पर बंगला भाषा में अपना भाषण पढ़ते हैं और गुजराती भाषा में बंगाली नारे लिखते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए चुनावों से पहले उजाला होता है लेकिन चुनावों के बाद यह सब जुमला हो जाता है, लोग भाजपा के झूठ को बर्दाश्त नहीं करेंगे, अगर वे वोट के लिए आपको रिश्वत देते हैं तो आपको पता है कि आपको क्या करना है। बंगाल उनकी तोलाबाजी अथवा जुमलों को नहीं चाहता है।
इस बीच, तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश में एलपीजी के दामों में बढ़ोतरी के खिलाफ 50 हजार से अधिक महिलाओं ने इस पदयात्रा में हिस्सा लिया है और यह लडाई बंगाल की ‘अपनी बेटी ममता बनर्जी ’राज्य की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर लड़ रही है। राज्य की महिलाओं ने दिखा दिया है कि किस तरह फासीवादी ताकतों के खिलाफ आंदोलन किया जाता है और केन्द्र सरकार देश की जनता पर अत्याचार करने के लिए क्रूर शक्ति का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस समय देश में एलपीजी सिलेंडरों की कीमत 845 हैं और इसकी कीमत मई 2020 में 584.50, दिसंबर 2020 में 720 और फरवरी 2021 में 795 रुपए थी। अगर यह आम आदमी पर अत्याचार नहीं है तो क्या है।