नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मॉडल एवं अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा को कथित तौर पर अश्लील फिल्मों के अवैध कारोबार से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को अंतरिम राहत देते हुए उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने अभिनेत्री द्वारा लगभग नौ महीने की अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान अदालती आदेश का ‘संतोषजनक’ पालन का संज्ञान लेते हुए उसे अंतरिम राहत प्रदान की।
याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे वकील सुनील फर्नांडीस ने सुनवाई के दौरान आज उच्चतम न्यायालय के समक्ष कई तर्क दिए। फर्नांडिस ने पीठ के समक्ष कहा कि उनके मुवक्किल को लगभग नौ महीने के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। इस दौरान ऐसा एक भी उदाहरण नहीं है, जहां उन्होंने अदालत द्वारा दी गई राहत का दुरुपयोग करने की कोशिश की हो।
शीर्ष अदालत ने दलीलें सुनने के बाद इस अभिनेत्री के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश राज्य सरकार को दिया। शीर्ष अदालत ने इससे पहले इसी मामले में राज कुंद्रा और मॉडल पूनम पांडे को अंतरिम जमानत देते हुए उनकी गिरफ्तारी रोक लगाई थी।
शर्लिन ने बम्बई उच्च न्यायालय में 25 नवंबर 2021 को अपनी अंतरिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर कर राहत की गुहार लगाई थी। शीर्ष अदालत ने विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए आज याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देने के साथ ही महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा।