पोषाहार सामग्री वितरण हेतु बजट की उपलब्धता पर पोस मशीन लगाना प्रस्तावित -महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री
जयपुर | महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने बुधवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि पोषाहार सामग्री वितरण करने हेतु आने वाले समय में बजट की उपलब्धता के आधार पर प्रदेश के सभी परियोजना क्षेत्रों मेे पोस मशीन लगाया जाना प्रस्तावित है।
श्रीमती भूपेश प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रही थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शून्य से 6 वर्ष के बच्चों, धात्री, माताओं, किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओं को पोषाहार वितरण व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री भी चिन्तित है और इसी को ध्यान में रखते हुए एक पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 400 परियोजना क्षेत्रों में पोषाहार वितरण के लिए पोस मशीन लगाने की बजट में घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इससे पोषाहार वितरण में अनियमितताओं पर रोक लगने के साथ समय पर पोषहार सामग्री वितरित होगी। उन्होंने यह भी बताया कि चिकित्सा विभाग से प्राप्त सेनेटरी नेपकीन का विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं, आशा सहयोगिनी एवं सहायिकाओं द्वारा गांव-गांव जाकर महिलाओं को वितरण किया जाता है।
इससे पहले विधायक श्री अमृत लाल मीना के मूल प्रश्न के जवाब में श्रीमती भूपेश ने बताया कि समेकित बाल विकास सेवा योजनान्तर्गत आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं तथा 11 से 14 वर्ष की स्कूल नहीं जाने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित पौष्टिक पूरक पोषाहार दिया जाता है। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वितरित किये जा रहे पूरक पोषाहार का विवरण सदन की मेज पर रखा। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र सलूम्बर में 467 आंगनबाड़ी केन्द्र है। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र सलूम्बर के अधीन पंचायत समितिवार आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या का विवरण सदन के पटल पर रखा।
श्रीमती भूपेश ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र सलूम्बर के अन्तर्गत आंगनबाडी केन्द्रों पर 104 महिला स्वयं सहायता समूहाें द्वारा गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा 6 माह से 3 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को टेकहोम राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। साथ ही 467 महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा 3 वर्ष से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को गर्म पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने इनका विवरण सदन की मेज पर रखा।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पूरक पोषाहार का निर्माण स्थानीय स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाकर वितरित किया जाता है। उक्त विधानसभा क्षेत्र में 23 सेक्टर है। उन्होंने सेक्टरवार महिला पर्यवेक्षकों के पदस्थापन की स्थिति का विवरण सदन की मेज पर रखा। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नामांकित बालकों की स्थिति एवं उपस्थिति का भौतिक सत्यापन महिला पर्यवेक्षकों द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान किया जाता है। उन्होंने इनका विवरण सदन की मेज पर रखा।
श्रीमती भूपेश ने विधानसभा क्षेत्र सलूम्बर में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्रतिमाह पूरक पोषाहार से लाभान्वित हो रहे पात्र महिलाओं एवं बालकाें का विवरण भी सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 3 से 6 वर्ष के बच्चों के सर्वांगीण विकास व विद्यालयों में प्रवेश के लिए बच्चों को तैयार करने हेतु पांच आयामों शारीरिक विकास, भाषा विकास, रचनात्मक विकास, बौद्धिक विकास, सामाजिक एवं भावनात्मक विकास पर आधारित गतिविधियां करवायी जाती है, जिससे बच्चे स्कूल में प्रवेश के लिए तैयार हो सके।
श्रीमती भूपेश ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को सरकार का प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में विकसित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।