अजमेर। भारत स्वाधीन तो हुआ है, किन्तु हमें ‘स्व-तंत्र’ विकसित करना होगा। भारत को सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से आजादी नहीं चाहिए, हमें वैचारिक व बौद्धिक उपनिवेश से मुक्त होना होगा। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने शनिवार को जवाहर रंग मंच में आयोजित प्रबुद्ध जन सम्मेलन में एक भारत श्रेष्ठ भारत निर्माण में हमारी भूमिका विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में कही।
उन्होंने प्रशासन व्यवस्था, न्याय प्रणाली, शिक्षा पद्धति, अर्थ व्यवस्था सहित समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय विचार व दृष्टि पर आधारित व्यवस्था स्थापित करने का आह्वान किया, जिससे हर भारतीय राष्ट्रीय गौरव को महसूस कर सके।
उन्होंने महाभारत के एक श्लोक को ऊद्धरित करते हुए आग्रह किया कि देश को सन्मार्ग पर उन्मुख करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने भारत के लगभग एक हजार वर्ष की परतंत्रता का, विशेषत: 250 वर्ष की अंग्रेजों की गुलामी का विषद विवेचन करते हुए भारत की स्वाधीनता के लिए प्रत्येक वर्ग के संघर्ष और उत्सर्ग का इतिहास सामने रखा। उन्होंने कहा कि बीते 75 वर्षों में स्वाधीन भारत ने विश्व में नई गौरवमय पहचान बनाई है। आज विश्व भारत की और आकर्षित है और उम्मीद की दृष्टि से देखता है। उन्होंने स्वदेशी, स्वावलंबन, अर्थ, कृषि, नई शिक्षा नीति, स्वास्थ्य, मतांतरण आदि विषयों पर भी विचार रखे।
जनसंख्या वृद्धि पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जनसंख्या असंतुलन के कारण कई देशों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। कई देश जनसंख्या वृद्धि को भार भी मानते हैं, किन्तु यह सही परिमाण में रहे तो देश की शक्ति भी है। चीन जैसे देश ने अपनी जनसंख्या नीति ही बदल दी है, क्योंकि राष्ट्र को युवाशक्ति चाहिए, जिससे देश उद्यम व साहस के साथ प्रगति के मार्ग पर प्रशस्त रहे।
हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है। अगले 25 वर्ष हमें अमृतकाल समझ कर कार्य करना है। भारत को श्रेष्ठ बनाने का दायित्व सिर्फ सरकार का नहीं है, एक भारत, श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए हम सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी।
मुख्य अतिथि डॉ स्नेह लता मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि विविधता में एकता भारत की श्रेष्ठ पहचान है। उन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना हेतु किए जाने वाले प्रयासों पर गर्व अभिव्यक्त किया।
इससे पहले मुख्य वक्ता होसबोले ने भारतमाता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन किया। एकात्मता मंत्र की प्रस्तुति के बाद मंचस्थ अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि सेवानिवृत चिकित्सक डॉ स्नेहलता मिश्रा का स्वागत प्रांत संघचालक जगदीश राणा ने किया। कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन विभाग संघ चालक बसंत विजयवर्गीय द्वारा किया गया।
महानगर संघ चालक खाजूलाल चौहान ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ रामानंद कुलदीप ने किया तथा अंत में सामूहिक कल्याण मंत्र द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारी, चिकित्सक, अधिवक्ता, प्रोफ़ेसर्स, शिक्षक, पत्रकार, चार्टेड अकाउंटेन्ट, व्यापारी, साधु संत, राजनीतिज्ञ, सैन्य अधिकारी, कला-विज्ञान क्षेत्र के विद्वान, विभिन्न एनजीओ संचालक, खेल प्रतिभाएं, श्रमिक विकास के लिए प्रतिबद्ध प्रबुद्धजन तथा बड़ी संख्या में मातृ शक्ति का सहभाग रहा।