कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष आज से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के लिए मोदी सरकार पर आक्रमण करने के लिए तैयार था। केंद्र सरकार का विरोध करने में इस बार विपक्ष के साथ शिवसेना भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को पहले से ही जानते थे कि शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के साथ अन्य दल भी केंद्र सरकार का घेराव कर सकते हैं। यहां हम आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र इस बार ऐतिहासिक है। उच्च सदन यानी राज्यसभा का आज 250वां सत्र की शुरुआत हुई है।
इस मौके पर पीएम मोदी ने सदन को संबोधित कर कहा कि इन 250 सत्रों के बीच जो यात्रा चली है, उनको नमन करता हूं। इसके बाद पीएम मोदी ने ऐसा कुछ कहा कि राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। उन्होंने शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तारीफ की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें सदन में रुकावटों की बजाय संवाद का रास्ता चुनना चाहिए। एनसीपी-बीजेडी की विशेषता है कि दोनों ने तय किया है कि वो लोग सदन के वेल में नहीं जाएंगे। आपको बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार आज ही सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए दिल्ली आए हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना भाजपा से गठबंधन तोड़कर एनसीपी के साथ सरकार बनाने की तैयारी में लगी हुई है। पीएम मोदी की एनसीपी की तारीफ करना। शिवसेना को शायद अखर गया होगा। इससे पहले शरद पवार ने बयान दिया था कि भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना एक साथ चुनाव लड़े थे, उन्हें अपना रास्ता तय करना चाहिए।
सत्र हमेशा मूल्यवान रहा
राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऊपर वाला दूर तक देख सकता है। इस सदन में इतिहास बनाया है और बनते हुए देखा है, कई गणमान्य दिग्गज महापुरुषों ने इस सदन की अगुवाई की है। उन्होंने कहा कि सदन की विशेषता है कि उसका स्थायित्व और उसकी विविधता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा था जब विपक्ष जैसा कुछ खास नहीं था। उस समय शासन में बैठे लोगों को इसका बड़ा लाभ भी मिला। लेकिन उस समय भी सदन में ऐसे अनुभवी लोग थे जिन्होंने शासन व्यवस्था में निरंकुशता नहीं आने दी, ये हम सबके लिए स्मरणीय है।
राज्यसभा विविधता भरी रही है : माेदी
पीएम मोदी ने कहा कि इस सदन का एक और लाभ भी है कि हर किसी के लिए चुनावी अखाड़ा पार करना बहुत सरल नहीं होता है, लेकिन देशहित में उनकी उपयोगिता कम नहीं होती है, उनका अनुभव, उनका सामर्थ्य मूल्यवान होता है।
पीएम मोदी बोले कि इस सदन के दो पहलू खास हैं। पहला स्थायित्व और दूसरा विविधता. स्थायित्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि लोकसभा तो भंग होती रहती है लेकिन राज्यसभा कभी भंग नहीं होती और विविधता इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि यहां राज्यों का प्रतिनिधित्व प्राथमिकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि अनुभव कहता है संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी वो कितनी उपयुक्त रही है। कितना अच्छा योगदान इसने दिया है। जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है। अब देखना होगा पीएम मोदी के राज्यसभा में दिए गए मार्मिक भाषण का असर कांग्रेस समेत विपक्ष पर कितना होता है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार इस सत्र में 27 विधायकों को पास कराना चाहती है, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष भी मोदी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार