नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय जाने की सराहना करते हुए कहा कि मुखर्जी का नागपुर जाना एवं भारतीय राष्ट्रवाद के महान विचार और आदर्शों काे लेकर उनका प्रबुद्ध मार्गदर्शन समकालीन इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है।
आडवाणी ने यहां जारी एक बयान में कहा कि कल मुखर्जी की संघ के मुख्यालय की यात्रा और भारतीय राष्ट्रवाद के महान विचार और आदर्शों काे लेकर उनका प्रबुद्ध मार्गदर्शन देश के समकालीन इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है।
उन्होंने कहा कि वह मुखर्जी को तृतीय वर्ष शिक्षित स्वयंसेवकों के दीक्षांत समारोह में मुख्य उद्बबोधन देने के लिए आमंत्रित करने पर सरसंघचालक मोहन भागवत की प्रशंसा करते हैं। इसी के साथ ही सदाशयता एवं गरिमापूर्ण ढंग से इस निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए मुखर्जी को बधाई देते हैं।
उन्होंने कहा कि वहां व्यक्त किए गए दोनों नेताओं के विचारों में महत्वपूर्ण समन्वय और साम्य था। दोनों ने भारत की उस बुनियादी एकता के तत्व को उजागर किया जो विभिन्न पंथों के बहुलवाद सहित सभी प्रकार की विविधताओं को स्वीकार करता है और उनका सम्मान करता है।
उन्होंने कहा कि एक आजीवन स्वयंसेवक होने के नाते से मेरा मानना है कि इन दो राष्ट्रीय नेताओं ने वास्तव में विचारधारात्मक संबद्धताओं और मतभेदों से परे संवाद का एक प्रशंसनीय उदाहरण निर्धारित किया है।
आडवाणी ने कहा कि उन्हें संसद में और संसद के बाहर मुखर्जी को जानने एवं निकटता से काम करने का अवसर मिला। उनकी अपनी प्रतिबिंबित प्रकृति और सुदीर्घ सार्वजनिक जीवन में विविधतापूर्ण अनुभव ने मिलकर ने उन्हें एक राजनेता के रूप में ढाल दिया जो विभिन्न विचारधाराओं और राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों के बीच बातचीत और सहयोग की आवश्यकता में दृढ़ता से विश्वास करता है।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भागवत के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश के विभिन्न वर्गों तक पहुंचने के अपने प्रयासों को संवाद की भावना से तीव्र किया है और विस्तार दिया है। ऐसे संवाद खुलेपन एवं परस्पर सम्मान की भावना से होते हैं तो निश्चित रूप से हमारे साझा सपनों के भारत को बनाने के लिए सहिष्णुता, सदभाव और सहयोग का वातावरण बनाने में मददगार होगा।