नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को मामले की जांच कर यह रिपोर्ट देने का आदेश दिया कि यौन शोषण की शिकार महिला कहां हैं।
याचिका हरिद्वार निवासीे मनमोहन सिंह की ओर से दायर की गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अखिल भारतीय गायत्री परिवार के प्रमुख डा. प्रणव पांड्या और उनकी पत्नी शैलबाला पांड्या पर तथाकथित बलात्कार एवं यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीड़ित महिला विगत 23 नवम्बर से गायब है और वह अदालती कार्यवाही में भी प्रतिभाग नहीं कर रही है। उसे साजिशन गायब करवाने का आरोप लगाया गया है।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की अदालत में हुई। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने इस आशय का आदेश दिया। याचिकाकर्ता के वकील विवेक शुक्ला ने बताया कि मामले को सुनने के बाद अदालत ने हरिद्वार के एसएसपी और थाना प्रभारी को मामले के निष्पक्ष जांच कर 13 जनवरी तक रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है। साथ ही यह पता लगाने को कहा है कि पीड़िता अदालती कार्यवाही में क्यों नहीं भाग ले रही है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की एक महिला ने पिछले साल अखिल भारतीय गायत्री परिवार के प्रमुख डा. पांड्या और उनकी पत्नी शैलबाला पर यौन शोषण एवं उत्पीड़न का आरोप लगाने के मामले में दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला का आरोप था कि वह जब वर्ष 2010 में शांतिकुंज में काम करती थी तो उस दौरान उसका यौन शोषण और उत्पीड़न किया गया। इसके बाद मामले को हरिद्वार पुलिस को जांच के लिए सौंप दिया गया।