जयपुर। प्रसिद्ध लेखक एवं गीतकार प्रसून जोशी ने आज यहां फिर जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिर्फ देश के लिए सोचते है।
फिल्म लिटरेचर फेस्टिवल में अपनी किताब ‘थिकिंग अलाउड़’ पर विचार विमर्श के अवसर पर एक श्रोता द्वारा प्रधानमंत्री की फकीरी के बारे में उनकी राय के बारे में पुछे प्रश्न पर जोशी ने कहा कि मैं आज भी यह कहूंगा कि मोदी सिर्फ देश के लिए सोचते है और यह बात शत प्रतिशत सही है।
उन्होंने कहा कि हम उनकी कुछ चीजों से सहमत या असहमत हो सकते है लेकिन असहमति में भी गरिमा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम असहमति में गरिमा को छोड़ रहे है।
भाषाई आतंकवाद के बारे में पूछे प्रश्न पर उन्होंने टोलरेंस शब्द को भारतीय संस्कति से अलग बताते हुए कहा कि मुझे इस शब्द से नफरत है। यह देश का शब्द नहीं है, हम अंगीकार करते है लेकिन यह कहना उचित नहीं है कि बर्दाश्त करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले मंचों पर कुछ लोगों का एकाधिकार था लेकिन अब मंचों का लोकतांत्रीकरण हुआ है। देश प्रेम की भी अलग अलग मुद्राएं होती है।
उन्होंने कहा कि भाषा का विस्तार होना चाहिए तथा जिसके पास जितने शब्द होंगे उसकी भाषा उतनी ही अच्छी होगी। जिसके पास शब्दकोष है वह भाषा को तराशता है।