भोपाल। कुछ संगठनों द्वारा आरक्षण के खिलाफ आज भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर राजधानी भोपाल समेत संपूर्ण मध्यप्रदेश में पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।अभी हाल ही में 2 अप्रैल को दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान कुछ जिलों में हिंसा हुई थी, वहां पर विशेष ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने के लिए राजधानी भोपाल और अन्य स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। चंबल और ग्वालियर संभाग में कुछ नगरों में ऐहतियातन कर्फ्यू लगाया गया है और राजधानी भोपाल समेत विभिन्न शहरों तथा नगरों में निषेधाज्ञा लागू की गयी है।
भोपाल में ऐहतियातन निषेधाज्ञा लागू होने के बीच जनजीवन सामान्य नजर आ रहा है। स्कूल-कॉलेज खुले हैं। सुरक्षा के लिए त्वरित कार्य बल (आरएएफ) और विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) के एक-एक हजार के बल के साथ स्थानीय पुलिस के चार हजार पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। इसी तरह इंदौर में भी जनजीवन सामान्य है, हालाकि वहां भी निषेधाज्ञा लागू है। राज्य के अन्य हिस्सों से भी बंद के दौरान अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। इन इलाकों में 2 अप्रैल के बंद के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। इस बार पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क और सख्त है। भिंड में अाज दिन भर के लिए कर्फ्यू लगा है। भिंड जिले के मेहगांव में सुबह आठ बजे से ही कर्फ्यू लगा दिया गया है। जिले के स्कूल-कॉलेज, बैंक, सरकारी कार्यालय बंद हैं। जिले में इंटरनेट सेवाएं कल रात से 48 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं। सुरक्षा के मद्देनजर संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
मुरैना में आज कर्फ्यू लगा हुआ है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। जगह-जगह पुलिस की गश्त चल रही है। ग्वालियर में निषेधाज्ञा लागू है और स्कूल कालेज खुले हुए हैं। श्योपुर जिले में धारा 144 लगा दी गई है। इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं।
राज्य सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं राज्य की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। बंद का आह्वान सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से चल रहे मैसेज के आधार पर कुछ संगठनों की ओर से किया गया है। हालाकि अभी तक कोई नेता सामने नहीं आया है।