Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Preparing to hold Jammu & Kashmir elections by end of 2019 says Amit Shah-साल में अंत में होंगे जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव : अमित शाह - Sabguru News
होम Breaking साल में अंत में होंगे जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव : अमित शाह

साल में अंत में होंगे जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव : अमित शाह

0
साल में अंत में होंगे जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव : अमित शाह

नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव इस साल के अंत में करा लिए जाएंगे।

शाह ने सदन में भाेजनावकाश के बाद जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि अगले छह माह तक बढ़ाने के प्रस्ताव तथा जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्हाेंने कहा कि सुरक्षा परिस्थितियों और राज्य में धार्मिक गतिविधियों को देखते हुए यह फैसला किया गया है। राज्य में अभी रमजान का माह समाप्त हुआ है और अमरनाथ यात्रा चल रही है जो अगस्त तक चलेगी।

उन्होेंने कहा कि राज्य में बकरवाल समुदाय की आबादी का हिस्सा 10 प्रतिशत और ये लोग अभी अपने घरों से बाहर हैं। अक्टूबर से ये लोग अपने मूल स्थानों पर लौटते हैं। पिछले कई दशकों से राज्य विधानसभा के चुनाव साल के अंत में ही कराए जाते हैं।

आरक्षण अधिनियम का उल्लेख करते हुए उन्होेंने कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों के साथ दशकों से हो रहे भेदभाव समाप्त किए जा सकेंगे और उनको न्याय मिलेगा। उन्होंने राज्य की सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक रहने वाले लोगों को तीन प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों का यह लाभ नहीं मिलता है जबकि तीनों क्षेत्रों परिस्थितियां समान हैं। इस अधिनियम के पारित हाेने के बाद कठुआ जिले के 70 गांवों, सांबा जिले 133 गांवों और जम्मू के 77 गांवों के लोगों को लाभ होगा। इनकी कुल जनसंख्या तीन लाख 85 हजार को फायदा होगा।

शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों का हवाला देते हुए कहा कि पीडीपी के साथ राज्य में सरकार बनाने का फैसला जनता का था क्योंकि किसी को बहुमत नहीं मिला था और इसी लिए भारतीय जनता पार्टी ने वहां सरकार बनाई थी। बाद में पीडीपी की नीतियां अलगाव को बढावा देने लगी तो समर्थन वापस ले लिया गया।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय केवल छह सीटों पर चुनाव होना था जबकि विधानसभा चुनाव में करीब एक हजार उम्मीदवार होते हैं और सभी उम्मीवारों और लोगों की रक्षा करना सरकार का दायित्व होता है। लेकिन उस समय इतनी संख्या में सुरक्षा बल तैनात करना संभव नहीं था। इसलिए विधानसभा चुनाव नहीं कराए गए।

शाह ने कहा कि कश्मीर की समस्या का समाधान करने के लिए नई सोच अपनानी होगी। सरकार ने पहली बार विदेश नीति और सुरक्षा नीति को अलग अलग कर दिया है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि जो हमारी सीमाओं का सम्मान नहीं करेगा उसे कडा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला केवल भावनाओं से नहीं किया जा सकता है बल्कि इससे पर कड़ा प्रहार करना होगा।