नयी दिल्ली । राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोमवार को यहां गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा बनाने वाले पद्मभूषण से सम्मानित वयोवृद्ध मूर्तिकार राम सुतार और मणिपुरी नृत्य के गुरु राजकुमार सिंघनजीत सिंह को कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए टैगोर अवार्ड से सम्मानित किया।
कोविंद ने प्रवासी भारतीय केंद्र के सभागार में इन दोनों कलाकारों को यह सम्मान प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में कोविंद ने इन कलाकारों को सम्मान में एक-एक करोड़ रुपये, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किये। महाराष्ट्र के धुले जिले में जन्मे राम सुतार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेहरू मौलाना आज़ाद और जगजीवन राम की प्रतिमा का निर्माण किया है। वह पिछले दिनों सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने के कारण सुर्खियों में थे।
वर्ष 1961 में टैगोर की जन्मशताब्दी पर स्थापित इस संस्था ने केवल बंगलादेश में ही नहीं बल्कि पुरी दुनिया में टैगोर के साहित्य एवं कला के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
इम्फाल में तीन नम्बर 1932 को जन्मे राजकुमार सिंह ने ने दिल्ली आकर त्रिवेणी कला संगम में वर्षों तक मणिपुरी नृत्य का प्रचार प्रसार किया और उसे राष्ट्रीय पहचान दिलाई। वर्ष 1998 में उन्होंने अपनी अलग संस्था बनायी। उन्हें 1986 में पद्म श्री पुरस्कार मिला और 2011 में वे संगीत नाटक अकेडमी के फेलो भी बनाये गये।
समारोह में संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा भी मौजूद थे। इन कलाकारों का चयन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली निर्णायक समिति ने किया जिसके सदस्यों में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी तथा भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् के अध्यक्ष डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे भी शामिल हैं जिनका मनोनयन मोदी ने खुद किया है।