नयी दिल्ली | राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि अगर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को “टाइम मशीन” में बिठाकर मानव सभ्यता के किसी भी काल में भेज दिया जाये तो वह हर युग में प्रासंगिक बने रहेंगे, क्योंकि उनके विचार, आदर्श एवं मूल्य काल से परे हैं।
कोविंद ने गांधी जी के 150 वें जयंती वर्ष में यहां प्रथम विश्व युवा करुणा सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। यूनेस्को की महात्मा गाँधी शांति एवं सतत विकास शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित इस सम्मलेन में 27 देशों के एक हज़ार युवक एवं नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने भाग लिया।
राष्ट्रपति ने कहा कि गांधी जी भले ही भारत में जन्मे पर वे सम्पूर्ण विश्व के थे। उन्होंने हमें केवल आज़ादी ही नहीं दिलाई बल्कि हमारे भीतर स्वतंत्रता और शांति के मूल्यों को पैदा किया। उनके भीतर वसुधैव कुटुम्बकम की भावना थी। वह आजीवन सत्य के मार्ग पर चले और अहिंसा का पालन किया।
उन्होंने कहा कि गांधी जी एक एक महान स्वप्नदर्शी नेता थे और वह हमारे लिए आज भी प्रासंगिक हैं क्योंकि आज भी शांति और आतंकवाद के अलावा सहिष्णुता तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौती हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया में हिंसा और तनाव इसलिए है कि लोगों में पूर्वाग्रह गहरे तक धंसा है और विश्व को ‘हम और वे’ की श्रेणी में देखते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा इस पूर्वाग्रह को ख़त्म कर सकती है, शिक्षा को साक्षरता से आगे आगे ले जाना है, हमें युवा पीढ़ी को शिक्षित करना है, ताकि वह वर्ग और नस्ल की चारदीवारियों को पार कर लें तथा असमानता और अन्याय को दूर करने के लिए वे कोई हल निकालें।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन ने दुनिया के सभी युवा नेताओं को एकजुट कर दिया है तथा लाखों युवकों एवं महिलाओं को इस दुनिया को संवेदनशील एवं करुणामय तथा शांतिपूर्ण बनाने की भूमिका निभानी है।