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LIVE: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी - Sabguru News
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LIVE: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी

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LIVE: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को  रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी
President's rule imposed in Maharashtra
President's rule imposed in Maharashtra
President’s rule imposed in Maharashtra

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में अब तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है, जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को मंजूरी दे दी। इससे पहले मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन पर फैसला ले लिया। भाजपा और शिवसेना से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार बनाने को लेकर चर्चा की थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महाराष्ट्र की राजनीतिक पर चर्चा हुई। आज मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील रवाना हो गए।

इससे पहले ही मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन पर फैसला ले लिया है और राष्ट्रपति को सिफारिश भेज दी है। इस बीच शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। शिवसेना सुप्रीम कोर्ट से तुरंत सुनवाई की मांग भी की है।

जबकि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार (12 नवंबर) को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी। कोश्यारी के कार्यालय द्वारा ट्वीट किये गये एक बयान के अनुसार, ”वह संतुष्ट हैं कि सरकार को संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है, (और इसलिए) संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधान के अनुसार आज एक रिपोर्ट सौंपी गई है।”

बता दें, महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के पास 56 सीटें हैं, जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं। विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत है।

कब क्या हुआ

राज्यपाल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को मंगलवार की रात साढ़े आठ बजे तक सरकार बनाने का न्यौता देते हुए आवश्यक विधायकों की संख्या बताने का समय दिया था।

इससे पहले राज्यपाल ने भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया था। भाजपा ने हालांकि बाद में राज्यपाल को सूचित किया कि वह सरकार बनाने में असमर्थ है।

कोश्यारी ने इसके बाद शिव सेना को सरकार बनाने का न्यौता दिया और सोमवार शाम साढ़े छह बजे तक जरूरी विधायकों की संख्या से अवगत कराने को कहा था। कांग्रेस के शिव सेना- राकांपा गठबंधन सरकार को समर्थन देने संबंधी निर्णय लेने में देरी करने की वजह से शिव सेना ऐसा कर पाने में असमर्थ रही।

इसी बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से बात की और पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खडगे और के सी वेणुगोपाल को राकांपा प्रमुख से चर्चा करने के लिए मुम्बई भेजा है।

शिवसेना पहुंची सुप्रीम कोर्ट

शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बारे में निर्णय को लेकर कुछ अतिरिक्त मोहलत नहीं दिए जाने के राज्यपाल के निर्णय के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

शिवसेना ने मामले की त्वरित सुनवाई का भी न्यायालय से अनुरोध किया है। याचिका में महाराष्ट्र सरकार के अलावा कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को भी पार्टी बनाया गया है।शिवसेना ने मांग की थी कि उन्हें कांग्रेस से समर्थन का पत्र लेने के लिए तीन दिन का और समय दिया जाए।

याचिका में आरोप लगाया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भारतीय जनता पार्टी के इशारों पर काम कर रहे हैं। राकांपा ने आरोप लगाया है कि उसे सरकार बनाने के लिए ज़रूरी वक़्त नहीं दिया गया। राज्यपाल ने जहाँ भाजपा को समर्थन जुटाने के लिए 48 घण्टे का वक़्त दिया, वहीं शिव सेना को महज 24 घंटे मिले। इस बीच सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने मुख्य न्यायाधीश से पूछा है कि याचिका को सुनवाई के लिए कब सूचीबद्ध करना है।

राज्यपाल ने किया लोकतंत्र का उपहास : कांग्रेस

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश को कांग्रेस ने लोकतंत्र का ‘उपहास’ और सांविधानिक प्रक्रिया के साथ ‘मजाक’ करार दिया है।

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को एक ट्वीट श्रंखला में कहा कि कोश्यारी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर लोकतंत्र का उपहास किया है और सांविधानिक प्रक्रिया काे मजाक बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने अपने काम ईमानदारी नहीं दिखाई और राजनीति से प्रेरित होकर काम किया।

उन्होेंने कहा कि बोम्मई मामले के अनुसार राज्यपाल ने संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए चार बड़ी गलतियां की है। बोम्मई मामले के अनुसार सरकार गठन के लिए सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करना चाहिए। राज्यपाल को भारतीय जनता पार्टी- शिवसेना गठबंधन या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- कांग्रेस गठबंधन को सरकार का गठन करने के लिए बुलाना चाहिए।

राज्यपाल ने अकेली पार्टी को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करना शुरू किया। उन्होंने मनमाने ढंग से भाजपा को 48 घंटे तथा शिवसेना को 24 घंटे का समय दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 24 घंटे का समय भी नहीं दिया और राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी।