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राजस्थान सड़क सुरक्षा शिक्षा और हादसों की रोकथाम पर मंथन

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राजस्थान सड़क सुरक्षा शिक्षा और हादसों की रोकथाम पर मंथन

अजमेर। हिन्दुस्तान जिंक एवं राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी के संयुक्त प्रयासों से चलाए जा रहे राजस्थान सड़क सुरक्षा शिक्षा एवं जागृति मिशन के अन्तर्गत शनिवार को सड़क सुरक्षा पर पुलिस एवं मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला अजमेर शहर के स्थानीय हॉटल में आयोजित की गई।

कार्यशाला में अजमेर जिले के सभी पुलिस अधिकारी, थाना अधिकारी एवं उनके प्रतिनिधि अनुसंधान अधिकारी, यातायात प्रभारियों तथा प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने भाग लिया। कार्यशाला सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की सही जानकारी सहित रिर्पोटिंग पर बल दिया गया।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों का मीडिया एवं पुलिस द्वारा वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर प्राप्त अनुसंधान रिपोर्ट का प्रकाशन कर आम सड़क उपयोगकर्ताओं से भविष्य में होने वाली असावधानियों को दोहराने से रोकना है।

वर्तमान में सड़क दुर्घटनाओं के कारणों में औसतन 84 प्रतिशत से अधिक वाहन चालक की लापरवाही तथा लगभग 66 प्रतिशत से अधिक मामलों में अधिकतम गति सीमा का उल्लघंन जैसे कारण पुलिस एवं मीडिया के जरिए आमजन तक पहुच रहे हैं। वाहन में यांत्रिक दोष, सड़क इंजीनियरिंग में खामी, मौसम और प्रभावी प्रर्वतन की कमी जैसे कारण से आमजन तक मीडिया के जरिए नहीं पहुंच पाते।

इसका बडा कारण पुलिस विभाग में सड़क दुर्घटनाओं के वैज्ञानिक अनुसंधान केे लिए पर्याप्त प्रशिक्षित स्टाफ की कमी, सड़क हादसों की रिपोटिंग करने वाले मीडियाकर्मी को भी इस बारे में तकनीकी ज्ञान नहीं होना सामने आया है।

हिन्दुस्तान जिंक कायड माइन के यूनिट हेड बलवन्त सिंह राठौड़ ने सभी अतिथियों का कार्यशाला में स्वागत किया एवं हिन्दुस्तान जिंक की ओर से सुरक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताते हुए कहा कि हिन्दुस्तान जिंक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, कंपनी का प्रत्येक कर्मचारी कार्य परिसर एवं बाहर शून्य दुर्घटना के लक्ष्य के प्रति कटिबद्ध है।

भारत सरकार के राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा तकनीकी सलाहकार वीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने इस विषय पर भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों एवं नवाचारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए मूल कारणों का पता लगाया जा सकेगा। राज्य एवं राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति में व्यापक बदलाव के लिए सड़क दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों को खोजकर मीडिया आमजन को सावचेत कर सकता है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्ण कालिक सचिव राकेश गौरा ने दुर्घटना में पीड़ितों के लिए प्राधिकरण की योजना के बारे में पूर्ण जानकारी देते हुए सड़क सुरक्षा शिक्षा एवं मीडिया रिर्पोटिंग में व्यापक बदलाव को समय की आवश्यकता बताया।

दैनिक नवज्योति के प्रबन्ध सम्पादक दीनबन्धु चौधरी ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता से लेने पर जोर दिया तथा राजस्थान सड़क सुरक्षा शिक्षा एवं जागृति मिशन के लिए हिन्दुस्तान जिंक एवं सोसायटी के प्रयासो की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऎसा मिशन राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करें एवं दुर्घटना की लापरवाहियों को प्रमुखता से सामने लाने एवं प्रकाशित करने का आव्हान किया।

टाइम्स ऑफ इंडिया दिल्ली के वरिष्ठ संपादक दीपक दास ने अपनी प्रस्तुतिकरण में मीडिया की सड़क सुरक्षा में भूमिका पर अपने अनुभव शेयर करते हुए अधिक से अधिक स्टोरी लेखन कर इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया। जेपी रिसर्च पूना के जिगर सड़क अनुसंधानकर्ता ने सड़क दुर्घटनाओं के अनुसंधान के केस स्टेडीज जो कि वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित थी को भी शेयर किया।

कार्यक्रम में हिन्दुस्तान जिंक द्वारा चलाए जा रहे बीसेफ जिंदगी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई एवं इसी पर आधारित संदेश देते हुए लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। बी सेफ प्रोजेक्ट के माध्यम से हिन्दुस्तान जिंक के हेड कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक अब तक राजस्थान में करीब साढ़े तीन हजा़र से अधिक कर्मचारियों, स्कूली बच्चों और परिजनों को सुरक्षा के प्रति जागरूक कर चुके है, जिसके अन्तर्गत लघु फिल्म, प्रजेन्टेशन और कहानी के माध्यम से बच्चों को स्वयं और परिवार को सुरक्षित रखने की जाानकारी दी गई है।

इसका उद्धेश्य सडक, घर या कार्यस्थल एवं हर स्थान पर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना है, सुरक्षा नियम सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं सभी को सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए जिससे परिजनों और बच्चों के स्वयं के मन में सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता उत्पन्न हो।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेन्द्र सिंह जोधा ने पुलिस एवं मीडिया को सड़क दुर्घटनाओं की रिपोटिंग एवं प्रकाशन में चौली दामन का साथ बताया एवं दोनों हितधारकों से आव्हान् किया हर सड़क दुर्घटना का गहन अध्ययन कर वास्तविक कारणों को खोजते हुए निर्धारित प्रपत्र में सभी बिन्दुओं को भरें तथा मीडिया तक उस रिपोर्ट को पहुंचाएं। यदि मीडिया द्वारा और अधिक गहन अध्ययन की आवश्यकता महसूस हो तो उनका सहयोग करें तभी इस कार्यशाला की सार्थकता सिद्ध होगी।

उन्हाेंने हिन्दुस्तान जिंक एवं राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी के इस प्रयास की सराहना भी की। यातायात पुलिस उपअधीक्षक नीलिमा चौधरी सहित कई पुलिस के अधिकारी एवं थाना प्रभारी, प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधि, हितधारक विभागों के अधिकारी हिन्दुस्तान जिंक के अधिकारी, राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी की टीम के सदस्य आदि उपस्थि्त थे।

राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी की परियोजना समन्वयक तान्या पचौरी ने राजस्थान सड़क सुरक्षा शिक्षा एवं जागृति मिशन द्वारा हितधारकों के सहयोग से चलाए जा रहे सड़क सुरक्षा शिक्षा, इंजीनियरिंग, प्रर्वतन एवं इंमरजेंसी केयर ड्राईव पर विस्तार पूर्वक प्रस्तुतीकरण दिया।

कार्यशाला में सभी का धन्यवाद हेड एचआर कायड माइन मनोज खण्डेलवाल ने दिया कार्यक्रम का संचालन सीएसआर अधिकारी महेश कुमार माथुर ने किया। कार्यशाला मेें उपनिदेशक जन सम्पर्क विभाग के महेश चन्द्र शर्मा, सहायक सूचना जनसंपर्क अधिकारी संतोष प्रजापति समेत बडी संख्या में मीडियाकर्मी मौजूद रहे।

बड़ी खबर : चालान काटने से पहले पुलिस जरा यह देख ले

इस तरह के कई ऐसे चीजें हैं जिसमें चालक की कई बार गलती नहीं होती लेकिन चालक को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है आप फोटो (Signal Jaipur Hospital, tonk road, 15 sep 2018-11:00AM) में देख सकते हैं ट्रैफिक सिग्नल पत्तों से ढका हुआ है और पूरी तरीके से दिख भी नहीं रहा लेकिन चालक क्या करें यह जिम्मेदारी ट्रेफिक पुलिस प्रशासन की होती है उसे सही करें कई बार ऐसा भी होता है जिसमें जेब्रा लाइन पूरी तरीके से धुंधली हो चुकी होती है या मिट चुकी होती है और चालक को पता नहीं चलता और गलती से लाइन क्रॉस कर देता है या जेब्रा लाइन पर आकर खड़ा हो जाता है तब भी वाहन चालक को ट्रेफिक पुलिस की मुसीबत झेलनी पड़ती है। Full Read