नयी दिल्ली । बैंकिंग सेवा से वंचित लोगों के वित्तीय समावेशन के उद्देश्य से शुरू की गयी प्रधानमंत्री जनधन योजना के दूसरे चरण में सरकार ने हर व्यस्क व्यक्ति का खाता खोलने का लक्ष्य रखा है।
जनधन योजना का पहला चरण 28 अगस्त 2014 को शुरू किया गया था जो इस साल 15 अगस्त को समाप्त हो गया। उसके बाद जनधन-2 की शुरुआत की गयी है। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने आज यहाँ एक कार्यक्रम में बताया कि पहले चरण में हर परिवार को बैंकिंग से जोड़ने और परिवार में कम से कम एक बैंक खाता खोलने का लक्ष्य रखा गया था। दूसरे चरण में हर व्यस्क व्यक्ति का खाता खोलने का लक्ष्य तय किया गया है।
सिड्बी द्वारा लघु ऋण पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये श्री कुमार ने कहा कि देश में करीब 115 करोड़ मोबाइल फोन हैं। करीब इतने ही आधार कार्ड हैं। इसके अलावा जनधन योजना के पहले चरण में 33 करोड़ जनधन खाते खाले गये हैं। इससे जनधन-आधार-मोबाइल की तिकड़ी तैयार हो गयी है जो डिजिटल पाइपलाइन की तरह काम कर रही है। यह डिजिटल पाइपलाइन हर तरह की सरकारी सामाजिक योजनाओं का आधार बन रही है। आयुष्मान भारत तथा अन्य योजनाओं को भी इस पाइपलाइन से गुजरना होगा।