नयी दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) राष्ट्रों के प्रमुखों की परिषद की वार्षिक बैठक में शामिल होने के लिए शनिवार को चीन की दो दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हुए।
यह पहली बार है जब भारत क्विंडओ में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में पूर्ण सदस्य के रूप में भाग लेगा। मोदी ने प्रस्थान से पहले अपने बयान में कहा कि वह पूर्ण प्रतिनिधि के रूप में परिषद में अपनी पहली बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को लेकर बहुत उत्साहित है। उन्होंने कहा “मैं शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्रों के प्रमुखों की परिषद की वार्षिक बैठक के लिए चीन में क्विंडाओं जा रहा हूं।”
प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा परिषद् में पूर्ण सदस्यता की अपनी पहली बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व को लेकर में उत्साहित हूं। एससीओ के पास सहयोग के लिए एक समृद्ध एजेंडा है, जिसमें आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद से लड़ने से लेकर कनेक्टिविटी, वाणिज्य, सीमा शुल्क, कानून, स्वास्थ्य और कृषि में सहयोग को बढ़ावा देना है, पर्यावरण की रक्षा और आपदा के जोखिम को कम करना और लोगों से लोगों में एक -दूसरे के संबंधों को बढ़ावा देना है।”
मोदी ने आशा व्यक्त कि कि क्वांडिओ शिखर सम्मेलन एससीओ एजेंडा को और समृद्ध करेगा, जबकि एससीओ के साथ देश की भागीदारी के लिए नई शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा “पिछले एक साल से भारत की एससीओ में पूर्ण सदस्यता है, इन क्षेत्रों में संगठन और उसके सदस्य देशों के साथ हमारी बातचीत काफी आगे बढ़ी है। मुझे विश्वास है कि क्विंडाओ शिखर सम्मेलन एससीओ एजेंडा को और भी आगे बढायेगा। हालांकि एसओसी के साथ भारत की भागीदारी के लिए एक नयी शुरूआत अग्रदूत के रूप में उभर कर आयेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बैठक के दौरान कई एससीओ सदस्य राज्यों के राज्यों के प्रमुखों सहित कई अन्य नेताओं के साथ भी मुलाकात करेंगे। मोदी ने कहा “भारत एससीओ शिखर सम्मेलन के राज्यों के सदस्यों के साथ गहरी दोस्ती और बहुआयामी संबंध के साथ आनंद लेगा। मुझे कई एससीओ सदस्य देशों के राज्यों के प्रमुख समेत कई अन्य नेताओं के साथ विचारों को पूरा करने और साझा करने का अवसर मिलेगा।”