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प्रधानमंत्री ने करायी आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत - Sabguru News
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प्रधानमंत्री ने करायी आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत

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प्रधानमंत्री ने करायी आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत
Prime Minister started the Amrit Festival of Independence
Prime Minister started the Amrit Festival of Independence
Prime Minister started the Amrit Festival of Independence

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ से सम्बंधित आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के राष्ट्रव्यापी आयोजन की आज यहां शुरुआत की और ऐतिहासिक दांडी मार्च की स्मृति में अहमदाबाद से नवसारी के दांडी तक 386 किलोमीटर की पदयात्रा को रवाना किया।

मोदी ने इससे पहले कार्यक्रम स्थल के निकट स्थित साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी की प्रतिमा और इसके परिसर में उनके तत्कालीन आवास हृदय कुंज में उनके तैलचित्र पर पारम्परिक रूप से सूत की माला से माल्यार्पण किया। उन्होंने आश्रम की आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि आश्रम आकर वह धन्यता का अनुभव करते हैं, त्याग तपस्या की भावना जागती है और राष्ट्र निर्माण का संकल्प मज़बूत होता है।

महोत्सव के दौरान यहां मुख्य कार्यक्रम में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया जिसमें देश भर के कलाकारों ने अलग अलग भाषाओं में मनमोहक प्रस्तुतियां भी दी।

आज़ादी के आंदोलन के दौरान इसका एक प्रमुख केंद्र रहे अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से ही गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को ब्रिटिश हूकूमत के नमक क़ानून को तोड़ने ले लिए दक्षिण गुजरात के दांडी तक की यात्रा की थी जो उसी साल छह अप्रैल को पूरी हुई थी।

आश्रम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े राज्य के 6 जिलों में विभिन्न 75 स्थलों पर भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

गुजरात में महात्मा गांधी जी की कर्मभूमि और स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र रहे अहमदाबाद से प्रधानमंत्री ने अमृत महोत्सव की औपचारिक शुरुआत करायी।

इस अवसर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, केंद्रीय पर्यटन एवं सांस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल, सांसद और गुजरात भाजपा अध्यक्ष सी.आर. पाटिल, आश्रम के न्यासी कार्तिकेय साराभाई, अमृत मोदी और डॉ. सुदर्शन आयंगर उपस्थित थे।

राजकोट, मांडवी (कच्छ), पोरबंदर, वडोदरा, बारडोली (सूरत) और दांडी (नवसारी) जैसे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े चिरस्मरणीय स्थलों पर देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अलावा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, साइकिल-बाइक रैली, पदयात्रा, वृक्षारोपण और क्राफ्ट बाजार जैसे रचनात्मक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

राजकोट में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल अमृत महोत्सव में उपस्थित रहे। राजकोट में गांधी जी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा ली थी। जूनागढ़ को नवाबी शासन से आजाद कराने के लिए बनाए गए आरजी हुकूमत ने राजकोट से ही आजाद जूनागढ़ फौज की भर्ती शुरू की थी। राजकोट का मौजूदा सर्किट हाउस तत्कालीन आरजी हुकूमत का मुख्यालय बना था। राजकोट वहां की राष्ट्रीय शाला में गांधी जी का ठहराव तथा ढेबरभाई, रसिकभाई परीख और मनुभाई पंचोली जैसे सेनानियों के संघर्ष और कस्तुरबा गांधी की जीवन स्मृतियों से भी जुड़ा है।

वडोदरा राष्ट्रीय चेतना के प्रेरक और तत्व चिंतक महर्षि अरविंद घोष की कर्मभूमि रही है। उन्होंने गुप्त रूप से क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरणा दी थी, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन वडोदरा राज में स्वतंत्रता आंदोलन की गतिविधियों को विस्तार मिला। वडोदरा के नवलखी मैदान में गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी की अध्यक्षता में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया।

सूरत के बारडोली में सरदार वल्लभभाई पटेल ने किसानों पर लगान वृद्धि के विरोध में सत्याग्रह कर अंग्रेजों को झुकने पर मजबूर कर दिया था। इस सत्याग्रह की सफलता के बाद ही उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि दी गई। वहां शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा की उपस्थिति में आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया गया।

पोरबंदर यानी बापू का जन्म स्थान भी दांडी यात्रा की स्मृति से जुड़ा है। दांडी यात्रा की व्यवस्थापक टुकड़ी में पोरबंदर के स्वतंत्रता सेनानी नगीनदास मोदी शामिल थे। यह टुकड़ी पदयात्रियों के रात्रि ठहराव, भोजन और नास्ते आदि की व्यवस्था करने के लिए आगे चलती थी। वहां बापू के पैतृक आवास कीर्ति मंदिर में मंत्री आर.सी. फलदु की उपस्थिति में यह महोत्सव आयोजित हुआ। इस अवसर पर कीर्ति मंदिर से चौपाटी तक अलग-अलग पदयात्रा और साइकिल यात्रा का भी आयोजन हुआ।

नवसारी के दांडी में बापू ने नमक कानून और अंग्रेजों के अहंकार दोनों को तोड़ दिया था, जिसके चलते पूरे देश में अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था। नवसारी की ऐतिहासिक भूमि पर दांडी प्रार्थना मंदिर में सहकारिता, खेल, युवा और सांस्कृतिक मामले तथा परिवहन राज्य मंत्री ईश्वरसिंह पटेल की अध्यक्षता में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। गांधी जी ने दांडी के समुद्र तट पर एक चुटकी नमक उठाकर कहा था, इसके साथ मैं ब्रिटिश साम्राज्य की नींव को हिला रहा हूं। गांधी जी के इस नमक सत्याग्रह से अंग्रेजी शासन को जबर्दस्त धक्का लगा था।

कच्छ के क्रांतिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा के जन्म स्थान मांडवी में राज्य मंत्री वासणभाई अहिर की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित किया गया।