नई दिल्ली। भारत की यात्रा पर आये ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स ने बुधवार को यहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मुलाकात की।
The Prince of Wales called on President Kovind at Rashtrapati Bhavan. The President said that India and the United Kingdom are natural partners bound by historical ties and shared values of democracy, rule of law and respect for multicultural society. 🇮🇳🇬🇧 pic.twitter.com/lSUukaJB83
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 13, 2019
कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में प्रिंस चार्ल्स का भव्य स्वागत किया और राष्ट्रमंडल देशों का प्रमुख चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्रमंडल को एक महत्वपूर्ण समूह मानता है जो छोटे एवं विकासशील देशों के अलावा अन्य देशों की आवाज को सुनता है और उनकी चिन्ता को समझता है।
The President congratulated The Prince of Wales on his election as the head of the Commonwealth. He said that India considers the Commonwealth as an important grouping that voices the concerns of a large number of countries, including the Small Island Developing States. pic.twitter.com/M2XLJEKG96
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 13, 2019
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और ब्रिटेन लम्बे समय से एक दूसरे के सहयोगी रहे हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखते हैं। दोनों देश ऐतिहासिक रुप से जुड़े हैं और कानून व्यवस्था के साथ बहुविद सांस्कृतिक समाज का सम्मान करते हैं।
The Prince planted a Champa sapling – which has several uses in Ayurveda – in the Herbal Garden of Rashtrapati Bhavan. He showed a keen interest in India’s alternative model of healthcare.
The President thanked The Prince of Wales for his support for Ayurveda research. pic.twitter.com/3kk3ZFmaVN
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 13, 2019
राष्ट्रपति ने दोनों देशों को विश्व का सबसे प्रमुख लोकतांत्रिक देश बताते हुए कहा कि दोनों देशों को विश्व की चुनौतियों का कारगर ढंग से समाधान करना है।
प्रिंस ऑफ वेल्स ने राष्ट्रपति भवन के हर्बल गार्डेन में चम्पा का पौधा लगाया और वहां लगे औषधीय पौधों का मुआयना किया और आयुर्वेदिक चिकित्सा में दिलचस्पी दिखायी। कोविंद ने प्रिंस ऑफ वेल्स को आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य में मदद देने के लिए धन्यवाद दिया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अप्रैल 2018 की यात्रा के दौरान प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फाउंडेशन और इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ आयुर्वेद ने एक करार पर हस्ताक्षर किया था जिससे तहत अवसाद, चिन्ता आदि रोगों पर शोध कार्य चल रहा है।