जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि निजी अस्पतालों को इलाज के नाम पर लूट मचाने की छूट नहीं दी जा सकती।
गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर चिकित्सा महाविद्यालयों के प्राचार्यों के साथ आयोजित बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों ने लूट मचा रखी है। उन्हें लूट मचाने की छूट नहीं दी जा सकती।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में राइट-टू-हेल्थ का बिल लाया गया लेकिन कुछ निजी अस्पताल वालों ने इसका विरोध कर दिया, बाद में बिल को कमेटी को भेज दिया गया।
उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य के मरीज का एक्सीडेंट हो जाए तो उसका इलाज करना क्या हमारी ड्यूटी नहीं बनती। इसमें किसी को तकलीफ होनी चाहिए ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों को समझाना चाहिए कि वे मानवीय दृष्टिकोण रखें। इतना पैसा कमाते हैं, कुछ तो उन्हें सेवा के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने इसे बिजनेस बना रखा है, यह अच्छी बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार की निःशुल्क दवा मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत होने के बावजूद मरीज द्वारा दवा बाहर से लेने की बात सामने आती हैं जो अच्छी बात नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मैं अब जिलों के दौरे पर जाऊंगा तो मरीजों से फीडबैक लूंगा। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में गंदगी और जर्जर अस्पताल भवनों को लेकर अधिकारियों को सर्वे करने के आदेश दिए।
उन्होंने कहा कि जब मैं खुद एसएमएस अस्पताल में भर्ती जा, जिस वार्ड में मुझे रखा गया मुझे बड़ी शर्म आई, जिस प्रकार के वहां के हालात थे, मेरे लिए तो अलग से इंतजाम कर दिए गए लेकिन वहां मरीज थे वो क्या-क्या कमेंट कर रहे थे गंदगी देखकर, कितनी गंदगी थी, मैं बाद में देखकर आया।
गहलोत ने राज्य के सरकारी अस्पतालों के प्रभावी प्रबंधन, साफ-सफाई व रखरखाव के लिए ‘कोड ऑफ कन्डक्ट’ लागू करने के निर्देश दिए हैं। इससे अस्पताल परिसरों में गंदगी फैलाने वालों पर रोक लगाकर कार्रवाई की जा सकेगी तथा अस्पतालों में अनावश्यक आवाजाही पर भी रोक लगेगी।
गहलोत ने दवाईयों एवं जांचों के लिए लगने वाली लंबी कतारों से मरीजों को निजात दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। इससे वहां भर्ती मरीजों को राहत मिलेगी व जल्द स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा।