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Private schools starts shut down in sirohi against decision of Rajasthan government - Sabguru News
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राजस्थान सरकार के निर्णय के विरोध में शट डाउन हुए निजी विद्यालय, दिया ज्ञापन

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राजस्थान सरकार के निर्णय के विरोध में शट डाउन हुए निजी विद्यालय, दिया ज्ञापन
सिरोही में लॉक डाउन के बाद सराकर द्वारा निजी शिक्षण संस्थाओं के शुल्क को लेकर दिए गए राजस्थान सरकार के निर्णय का विरोध जताते शिक्षक।
सिरोही में लॉक डाउन के बाद सराकर द्वारा निजी शिक्षण संस्थाओं के शुल्क को लेकर दिए गए राजस्थान सरकार के निर्णय का विरोध जताते शिक्षक।
सिरोही में लॉक डाउन के बाद सराकर द्वारा निजी शिक्षण संस्थाओं के शुल्क को लेकर दिए गए राजस्थान सरकार के निर्णय का विरोध जताते शिक्षक।

सबगुरु न्यूज-सिरोही।  कोविड के दौरान निजी विद्यालयों के शुल्क नहीं लेने, आरटीआई के पैसे नहीं देने आदि जैसी अनियमितताओं के खिलाफ गुरुवार से जिले के निजी शिक्षण संस्थानों ने शट डाउन  शुरू कर दिया है। जिला मुख्यालय पर इसके लिए रैली निकालकर राजस्थान सरकार के निर्णयों का विरोध जताकर अपनी मांगों के सम्बन्ध में ज्ञापन दिया।
निजी विद्यालय सन्गठन ने जिला मुख्यालय पर गुरुवार को रैली निकली। कलेक्ट्रेट पहुंचकर वहाँ जिला कलेक्टर को अपनी मांगों के सम्बंध में राज्य सरकार के नाम ज्ञापन दिया। निजी विद्यालय सन्गठन के जिलाध्यक्ष विजयपाल सिंह ने बताया कि ज्ञापन में राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री द्वारा हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी बच्चों से शुल्क लेने के लिए अभिभावकों को भ्रमित किया जा रहा है। इससे निजी विद्यालयों की स्थिति खराब हो गई है।

उन्होंने बताया कि सरकार फीस नहीं लेने और कार्यरत शिक्षकों को वेतन देने की बात तो कर रही है, लेकिन निजी विद्यालयों के आरटीई के तहत बकाया राशि नहीं लौटा रही है। इतना ही नहीं सरकार सरकारी विद्यालयों से बच्चों से तो प्रवेश शुल्क शिक्षण शुल्क बोर्ड परीक्षा शुल्क ले रही है, लेकिन निजी विद्यालयों पर शुल्क लगाने और रोक लगा रही है। निजी विद्यालयों के सन्गठन ने ज्ञापन में बताया कि इसके बाद भी सरकारी मशीनरी द्वारा निजी विद्यालयों को परेशान किया जा रहा है।

उन्होंने ज्ञापन में मांग की कि सरकार दीपावली से पहले ही निजी विद्यालयों को आरटीई का बकाया भुगतान करे, निजी विद्यालयों को आर्थिक पैकेज देवे, बाल वाहिनियों के इंश्योरेंस आदि के शुल्क को माफ करे, 1 से 12 वी तक की कक्षाएं शुरू करने के स्पष्ट निर्देश जारी करे, अभिभावकों को शुल्क देने के स्पष्ट निर्देश जारी करे, सरकार द्वारा ली जाने वाली बोर्ड परीक्षा शुल्क माफ करके सरका अभिभावकों को राहत प्रदान करे, शिक्षण संस्थाओं द्वारा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा लिया जाने वाला शुल्क माफ किया जाए। मांगों को नहीं मानने पर निजी विद्यालय अनिश्चिततकाल तक बन्द कर दिए जाएंगे।