जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक आदेश में कहा है कि राजस्थान सरकार द्वारा गत 28 अक्टूबर को लागू की गई सिफारिशों के अनुसार ही निजी स्कूल फीस ले सकेंगे।
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती की खंडपीठ ने निजी स्कूल फीस विवाद मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाते हुये निर्देश दिये कि जिन निजी स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाया है वे ट्यूशन फीस का 70 फीसदी ही फीस के तौर पर ले सकेंगे।
उच्च न्यायालीय ने यह फैसला राज्य सरकार एवं अन्य की अपील पर सुनाया। मामले में करीब दो दर्जन से ज्यादा पक्षकार थे। ऐसे में सभी को सुनने में भी कोर्ट को काफी समय लगा। इस मामले में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 16 दिसम्बर को मामले की सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने 28 अक्टूबर को अपनी सिफारिशें दी थी। इसमें कहा गया था कि जो स्कूल ऑनलाइन शिक्षा दे रहे है वे ट्यूशन फीस का 70 फीसदी ले सकते हैं। स्कूलें खुलने के बाद जितना भी कोर्स संबंधित बोर्ड (माध्यमिक शिक्षा और सीबीएसई) द्वारा तय किया जाए उतनी फीस स्कूल ले सकेंगे। लेकिन निजी स्कूल और अभिभावकों ने इस सिफारिश को मनाने से इनकार कर दिया था।
अभिभावकों ने 70 फीसदी फीस को ज्यादा बताया था। वहीं, निजी स्कूलों ने पूरी फीस वसूल करने की मांग की थी।
हालांकि, बाद में कुछ निजी स्कूल 70 फीसदी प्रतिशत फीस लेने पर सहमत हो गए थे, लेकिन उच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद फैसले का सबको इंतजार था।