मुम्बई । लोकसभा का टिकट नहीं मिलने और पार्टी में उनसे बदसलूकी करने वालों को संरक्षण दिए जाने से नाराज प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस छोड़ने के बाद शुक्रवार को शिव सेना का दामन थाम लिया।
चतुर्वेदी ने कांग्रेस प्रवक्ता एवं संचार विभाग के संयोजक पद के साथ-साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से कल अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया था। उन्होंनेे आज यहां शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शिव सेना की सदस्यता ग्रहण की।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह 10 साल से कांग्रेस की निस्वार्थभाव से सेवा कर रहीं थी और उन्होंने हमेशा महिलाओं के सम्मान के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि जब एक महिला के साथ दुर्व्यवहार होता है और उसको लेकर सुध नहीं ली गयी तो इससे वह आहत हुई। कांग्रेस हाईकमान को भी उन्होंने अपनी पीड़ा बताई लेकिन बदसलूकी करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाने की बजाय फिर पार्टी में लाया गया। यह एक महिला का अपमान है और महिलाओं के सम्मान के लिए ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ी है।
उन्होंने माना कि वह कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन कहा कि उन्होंने टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी नहीं छोडी है। एक सवाल पर उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के मथुरा से उन्हें लगाव है लेकिन इस सीट से उन्होंने टिकट की मांग नहीं की।
चतुर्वेदी ने कहा कि वह सोच-समझकर और महिलाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से समझते हुए शिव सेना में शामिल हो रही हैं। उन्होंने कहा कि वह मंबई में पली पढ़ी हैं और वह जानती हैं कि मुंबई में रहने वाले लोगों के दिलों पर शिव सेना राज करती है। शिव सेना के लिए उनके मन में विशेष सम्मान रहा है। पार्टी के युवा नेतृत्व और उनकी सोच को देखते हुए वह शिव सेना में शामिल हो रही हैं।
चतुर्वेदी बीते एक सप्ताह से खुलकर कांग्रेस नाराजगी व्यक्त कर रहीं थीं। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में पार्टी के कार्यकर्ताओं के कथित दुर्व्यवहार और उन्हें लेकर पार्टी के नेतृत्व के रवैये पर दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्हें महसूस हो रहा है कि कांग्रेस में वह अपने स्वाभिमान एवं आत्मसम्मान की कीमत अदा करने लगी हैं।
उन्होंने ट्वीट कर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए लिखा, “काफी दुखी हूं कि कांग्रेस में अपना खून-पसीना बहाने वालों से ज्यादा गुंडों को तरजीह मिल रही है। पार्टी के लिए मैंने गालियां और पत्थर खाये हैं, लेकिन उसके बावजूद पार्टी में रहने वाले नेताओं ने ही मुझे धमकियां दीं। जो लोग धमकियां दे रहे थे, वह बच गए हैं। उनका बिना किसी कार्रवाई के बच जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं।”
उन्होंने शिकायत की थी कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की थी। उनकी शिकायत के बाद उन कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई लेकिन बाद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर बदसलूकी करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई रद्द कर दी गई। चतुर्वेदी को यही बात नागवार गुजरी।
शिव सेना में शामिल होने से पहले आज सुबह उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने नाम के साथ कांग्रेस प्रवक्ता पद नाम भी हटा दिया था। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे अपने त्यागपत्र को ट्वीटर पर पोस्ट किया जिसमें उन्होंने अपने दस साल के राजनीतिक जीवन में मिले समर्थन एवं सहयोग के लिए गांधी का आभार जताया है।
शिवसेना मुख्यालय मातोश्री में यहां पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चतुर्वेदी को शिवसेना में शामिल किया। इस दौरान आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ठाकरे पूरे समय मौजूद रहे।