इलाहाबाद। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से प्रियंका गांधी वाड्रा के लोकसभा चुनाव लडने की सुगबुगाहट पर सोशल मीडिया पर पोस्टर वायरल हुआ है।
इलाहाबाद कांग्रेस कार्यकताओं के बीच एक पोस्टर वायरल हुआ है जिस पर लिखा है इन्दिरा का खून प्रियंका इज कमिंग सून। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्टर वायरल किया है।
पोस्टर में दाहिनी तरफ सबसे ऊपर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की तस्वीर छपी है। बायी तरफ सोनिया गांधी और उनके पीछे रेणुका चौधरी की तस्वीर है। गांधी और सोनिया गांधी की तस्वीर के बीच में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बडे आकार वाली तस्वीर है।
इंदिरा गांधी की तस्वीर के ठीक नीचे इंदिरा का खून प्रियंका इज कमिंग सून लिखा है। तस्वीर में सबसे नीचे दाहिनी तरह जिला कांग्रेस महासचिव हसीब अहमद की तस्वीर है तो बायीं तरफ फूल-मालाओं से लदी मुस्कराते प्रियंका गांधी हाथ जोडे मुद्रा में दिखलाई पड़ रही है।
इलाहाबाद कांग्रेस कार्यकताआें ने इससे पहले कई बार सोनिया गांधी से प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारने की मांग कर चुके हैं।
महासचिव हसीब अहमद ने बताया कि केवल प्रियंका नाम से सत्तारूढ भाजपा के खेमे में भूचाल आ गया है। उन्होंने कहा कि अभी तो यह सिर्फ प्रियंका के नाम का ट्रेलर है पिक्चर तो अभी बाकी है। ट्रेलर का यह असर है तो पिक्चर क्या गुल खिलाएगी यह भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में पता चलेगा।
उन्होंने कहा कि जनता प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी का अक्स खोजती है। उनकी बातचीत करने की शैली हो या पहनावा सब कुछ इंदिरा गांधी से मेल खाता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के साथ उनकी बहिन प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव में अपनी भागीदारी और उम्मीदवारी दर्शाती हैं तो उत्तर प्रदेश की लोकसभा की 80 सीट पर गठबंधन का परचम लहराएगा। गांधी देश के प्रधानमंत्री होंगे और जनता भाजपा काे धूल चटाएगी।
उन्होंने कहा कि जनता भारतीय जनता पार्टी से ऊब चुकी है। जनता ने बड़े विश्वास के साथ भाजपा को देश और प्रदेश की बागडोर सौंपी थी लेकिन उन्होंने लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया है।
विकास, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, युवाओं से किए गए नौकरी के वादे हो या गरीब किसानों के ऋणमुक्त की बातें सब जुमले साबित हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जनता के साथ विश्वासघात किया है और जनता उस विश्वासघात का बदला 2019 के लोकसभा चुनाव में लेगी।