वाराणसी | उत्तर प्रदेश के सोनभद्र नरसंहार कांड पीड़ितों से मंगलवार को मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रॉ के वाराणसी पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।
प्रियंका वाड्रॉ अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बाबतपुर के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचने पर पूर्व स्थानीय विधायक अजय राय समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता ने उनका जोरदार स्वागत किया। उनके पहुंचते ही उत्साहित कार्यकर्ताओं ने स्वागत में नारे लगाये। पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। कार्यकर्ताओं ने ‘प्रियंका गांधी जिंदाबाद’, ‘कांगेस पार्टी जिंदबाद’ एवं ‘राहुल-प्रियंका जिंदाबाद’ के नारे लगाए।
राष्ट्रीय नेता की गाड़ी के काफिले के साथ अनेक स्थानीय नेता एवं कार्यकर्ता उनके साथ सोनभद्र के उभ्भा गांव की ओर रवाना हो गए, जहां जमीन विवाद को लेकर दस आदिवासियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अनेक लोग घायल हो गए थे, जिनका इलाज करीब एक माह बाद भी चल रहा है। हवाई अड्डे से सोनभद्र के रास्ते में जगह-जगह सड़क किनारे खड़े कार्यकर्ताओं ने हाथ हिलाकर एवं नारे लगाकर अभिनंदन किया।
राय ने को बताया कि राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 19 जुलाई को प्रियंका वाड्रॉ को सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों से जाने जबरन रोक दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता को करीब 26 घंटे तक मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में हिरासत में रखा गया था। प्रशासन ने प्रियंका वाड्रॉ को सोनभद्र के उभ्भा गांव में घटना स्थल पर जाने से रोक दिया था। अगले दिन 20 जुलाई को कुछ पीड़ित परिवार के सदस्यों ने गेस्ट हाउस में कांग्रेस नेता ने मुलाकत की थी। इसी दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार के लोगों से गांव आकर मुलाकात का वादा किया था। अपने वादे को निभाने प्रियंका वाड्रॉ आयी हैं।
प्रियंका वाड्रा ने 19 जुलाई को यहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती सोनभद्र नरसंहार कांड में घायल लोगों से मुलाकात की थी। घायलों की हालचाल जानने के बाद वह घटना स्थल जा रही थीं। रास्ते में वाराणसी-सोनभद्र सीमा के पास नारायणपुर में पुलिस ने उन्होंने रोक दिया था। प्रशासन ने उन्हें सोनभद्र में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण रोका था जिससे नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपनी नेता के साथ चुनार गेस्ट हाउस पर करीब 26 घंटे तक घरना-प्रदर्शन किया था।
गौरतलब है कि सोनभद्र में जमीन विवाद को लेकर तीन महिलाओं समेत दस आदिवासियों की अंधाधुंध गोलीबारी कर हत्या कर दी गई थी। इस निर्मम घटना में 24 से अधिक लोग धायल हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में वहां के ग्राम प्रधान प्रज्ञदत्त समेत अनेक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। मुख्य आरोपी प्रज्ञदत्त समेत अनेक आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जो न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।