चंडीगढ़। पंजाब में अलगाववादी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और अनेक साथियों के गत शनिवार को पुलिस कार्रवाई के दौरान बच निकलने के बाद इन्हें पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी अभियान शुरू किया गया है लेकिन 24 से ज्यादा घंटे बीत जाने के बाद भी उसके हाथ खाली हैं।
पुलिस का दावा है कि अमृतपाल और उसके साथियों को पकड़ने के लिए गत शनिवार को की गई कार्रवाई में सात लोगों को हिरासत में लिया गया था लेकिन इस दौरान अमृतपाल फरार हो गया। जबकि पुलिस की लगभग 60 गाड़ियां इनके पीछे लगी हुई थीं।
जालंधर के पुलिस आयुक्त कुलदीप चहल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भगोड़ा घोषित अमृतपाल और उसके साथियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने हालांकि इस सम्बंध में बनाई गई रणनीति का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि उसके कुछ साथी गिरफ्तार किए गए हैं और कुछ फरार हैं। राज्य पुलिस तथा केंद्रीय और राज्य की खुफिया एजेंसियां भी मुस्तैदी से इनकी लोकशन का पता लगाने में जुटी हुई हैं।
इस बीच अमृतसर के सात साथियों को आज अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 23 मार्च तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। अमृतपाल समेत इन और उसके साथियों पर अवैध रूप से हथियार रखने पर रविवार को अमृतसर ग्रामीण थाने में शस्त्र अधिनियम के तहत एक और मामला दर्ज किया गया।
वहीं पुलिस का दावा है कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है तथा मोबाईल इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी सोमवार 12 बजे तक बढ़ा दी गई है। अलबत्ता ब्रॉडबैंड सेवाएं जारी हैं। अमृतसर, फाजिल्का, मोगा, बठिंडा, मुक्तसर, संगरूर, एसएएस नगर, गुरदासपुर, लुधियाना, जालंधर समेत कई जिलों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ वहां पुलिस के अलावा त्वरित कार्रवाई बल(आरएएफ) की तैनाती की गई है।
लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों ने इन जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों और मुख्य बाजारों में आज फ्लैग मार्च भी निकाला। पुलिस अमृतपाल की पंजाब में ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी उसकी लोकेशन का पता लगा रही है। इस काम में खुफिया तंत्र भी अलर्ट पर है।
पंजाब की पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के साथ लगती सीमाएं सील कर दी गई हैं लेकिन पुलिस अधिकारी इन राज्यों के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ सम्पर्क में हैं। राज्य में सभी निकासी मार्गों पर नाकेबंदी की गई है तथा वाहनों की तलाशी ली जा रही है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय भी पंजाब की स्थिति पर नज़र रखे हुये है और राज्य सरकार से इस बारे में जानकारी ले रहा है।
अमृतपाल पर दो मामले अमृतसर जिले के अजनाला थाने में हैं। अपने करीबी लवप्रीत सिंह की पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी पर अमृतपाल ने गत 23 फरवरी को अपने हजारों समर्थकों के साथ गुरू ग्रंथ साहिब की आड़ लेकर अजनाला थाने पर हमला कर दिया था।
इस घटना के बाद से पुलिस और सरकार की जहां भारी किरकिरी हो रही थी वहीं इनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया था। अनेक राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने अमृतपाल की इस कृत्य के लिए भर्त्सना की थी। उस पर भीड़ को पुलिस पर हमले के लिए उकसाने और भड़काऊ भाषण देने को लेकर मामले दर्ज हैं।
अमृतपाल सिंह व उसके साथियों पर आर्म्स एक्ट के तहत नया मामला दर्ज