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Probe committee issue 7 days notice to sirohi devsthan to provide document - Sabguru News
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देवस्थान बोर्ड सिरोही की जांच समिति के सामने आई यह समस्याएं, अब आगे ये होगा!

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देवस्थान बोर्ड सिरोही की जांच समिति के सामने आई यह समस्याएं, अब आगे ये होगा!
sarneshwer temple sirohi
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही की देवस्थान बोर्ड ने देवस्थान विभाग के आदेशानुसार की जाने वाली जांच के लिए गठित समिति को कई वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए हैं।

जांच के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति की 28 अगस्त को हुई बैठक में इसमें देवस्थान बोर्ड सिरोही के द्वारा वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाने के कारण सात दिन को और नोटिस देने का निर्णय किया। इन सात दिनों में भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाने की स्थिति में राज्यादेश पर जांच में सहयोग नहीं किया जाना मानते हुए रिपोर्ट जिला कलक्टर को सौंपने का निर्णय किया गया।

राज्य सरकार के आदेश के बाद जिला कलक्टर ने 7 अगस्त को अतिरिक्त जिला कलक्टर की अध्यक्षता में सिरोही देवस्थान बोर्ड के हिसाब-किताब की जांच के लिए समिति गठित की गई। इसमें तहसीलदार सिरोही को सदस्य सचिव तथा देवस्थान विभाग जोधपुर के सहायक आयुक्त, सिरोही कोषाधिकारी व वरिष्ठ विधि अधिकारी को सदस्य बनाया गया। इस समिति को 30 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी।

इसके लिए समिति ने 13 अगस्त को अपनी बैठक आयोजित करके देवस्थान बोर्ड सिरोही के अध्यक्ष के नाम तहसीलदार द्वारा नोटिस जारी किया। नोटिस के अनुसार 20 अगस्त को सिरोही देवस्थान बोर्ड कार्यालय में वांछित दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। प्रथम नोटिस पर भी दस्तावेजात लेकर उपस्थित नहीं होने पर थानेदार के माध्यम से दूसरा नोटिस जारी करके 27 अगस्त को वांछित दस्तावेज उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए।
-देवस्थान बोर्ड ने दिया ये जवाब
अतिरिक्त जिला कलक्टर 28 अगस्त को ली गई समिति की बैठक में बताया गया कि देवस्थान बोर्ड द्वारा वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए गए। बैठक में बताया गया कि 26 अगस्त को देवस्थान बोर्ड सिरोही के कार्यालय प्रभारी द्वारा एक पत्र अवश्य भेजा गया, जिसके साथ भी वांछित दस्तावेज नहीं भेजे गए।
-इन बिंदुओं पर होनी थी जांच, यह मिली प्रतिक्रिया
जिला कलक्टर द्वारा समिति को चार बिंदुओं की जांच करने के आदेश दिए गए थे। पहला बिंदु देवस्थान बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों के रिक्त पदों के संबंध में था। इसके प्रतिउत्तर में देवस्थान बोर्ड ने बताया कि सभी पद भरे हुए हैं। दूसरा बिंदु देवस्थान बोर्ड के बैंक खातों आदि के संबंध में था। इसके प्रत्युत्तर में बताया गया कि दस बचत खाते हैं, लेकिन इन खातों का पूर्ण विवरण, बैंक पासबुक एवं खाता संचालकों की सूचना नहीं दी गई।
तीसरा बिंदु देवस्थान बोर्ड ट्रस्ट सिरोही के आय-व्यय की ऑडिट से संबंधित था। इसके प्रत्युत्तर में देवस्थान बोर्ड का कहना था कि संबंधित रिकर्ॉड ऑर्डिट हो रहा है। इसलिए समस्त रेकर्ड इंकम टैक्स असेसमेंट के लिए वहां भेजा हुआ है। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बैठक की प्रोसिडिंग में लिखा कि देवस्थान बोर्ड के जवाब में यह जिक्र नहीं था कि किस वर्ष का रेकर्ड ऑडिट के लिए भेजा हुआ है और यह कब प्राप्त होगा। इतना ही नहीं ऑडिटर की रेकर्ड प्राप्ति की रसीद की प्रतिलिपि भी नहीं भेजी गई थी। बैठक में 2018-19 का रेकर्ड ऑडिट के लिए जाने की स्थिति में पूर्व के रेकर्ड उपलब्ध नहीं करवाए जाने पर भी चर्चा हुई।
इसी तरह जांच का चौथा बिंदु देवस्थान बोर्ड ट्रस्ट सिरोही की आय से खरीदे गए वाहनों की सूचना मांगी थी। इसके प्रत्युत्तर में बताया गया कि ट्रस्ट के पास महेन्द्रा जीप है जिसका इस्तेमाल ट्रस्ट के कार्यों में किया जाता है। लेकिन, वाहनों से संबंधित कोई जानकारी भी उपलब्ध नहीं करवाए जाने पर भी एडीएम की अध्यक्षता वाली बैठक में चर्चा की।
-यह है पूरा प्रकरण
सिरोही विधायक संयम लोढ़ा द्वारा विधानसभा में सिरोही के मंदिरों का विकास नहीं हो पाने को लेकर मुद्दा विधानसभा मे ंउठाया गया। इसके बाद सिरोही के प्रमुख मंदिरों की देखरेख कर रहे देवस्थान बोर्ड ट्रस्ट सिरोही की जांच का निर्णय किया।
इसके बाद देवस्थान बोर्ड के संयुक्त सचिव ने 29 जुलाई को पत्र जारी करके जिला कलक्टर को 45 दिन में सिरोही देवस्थान बोर्ड ट्रस्ट की जांच के आदेश जारी किए। जिला कलक्टर ने 7 अगस्त को एडीएम की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई। जिसकी अंतिम बैठक में देवस्थान बोर्ड सिरोही द्वारा जांच बिंदुओं के अनुसार कई वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए जाने पर चर्चा करके सात दिन का नोटिस और देने का निर्णय किया गया।