नई दिल्ली। कांग्रेस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में नकाबपोश हमलावरों की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए आरोप लगाया है कि घटना को लेकर पुलिस की जांच निष्पक्ष नहीं है और दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को तत्काल हटाया जाना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जेएनयू हिंसा में दिल्ली पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है। पुलिस ने पूरे प्रकरण की निष्पक्षता से जांच नहीं की है। उन्होंने कहा कि जेएनयू हिंसा के पूरे प्रकरण में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार की भूमिका भी गैरजिम्मेदारी की रही है इसलिए पटनायक के साथ ही उन्हें भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाना चाहिए।
माकन ने कहा कि प्रोफेसर जगदीश कुमार की संदिग्ध भूमिका को पूरे देश ने देखा है। खुद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने ट्वीट कर जेएनयू के कुलपति को हटाने की बात की है लेकिन भाजपा सरकार ने अपने नेता की बात को भी अनसुना कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस हमले में उम्मीद थी कि पुलिस इस मामले के दोषियों की पहचान करेगी लेकिन उसने नौ लोगों की पहचान की है जिसमें हिंसा का पीड़ित भी शामिल है।
पुलिस ने पीड़ित को ही आरोपी बनाया है। इससे लगता है कि दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच निष्पक्षता से नहीं की। उन्होंने कहा कि घटना के दिन पुलिस ने आरोपियों को परिसर में आने जाने की छूट दी। वीडियो क्लीपिंग बता रही है कि पुलिस जेएनयू गेट के बाहर खड़ी रही और उसने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।